नववर्ष के सूर्योदय के साथ नित्य प्रातः सूर्य नमस्कार आसन करने का लिया संकल्प 

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आवाज ए हिमाचल

बबलू सूर्यवंशी, शाहपुर। शाहपुर विधानसभा के अंतर्गत बरेटा महिला मण्डल वार्ड 7 में आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक आशा कुमारी, अनुराधा शर्मा तथा उद्यालक शर्मा ने तीन दिवसीय योग सत्र में स्थानीय महिलाओं कॊ योगासन करवाते हुए आज हिन्दु नववर्ष की शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने कहााकि हमारा  हिन्दु नववर्ष पाश्चात्य संस्कृति 1 जनवरी पतझड़ शिशिर ऋतु की मध्यरात्रि की अपेक्षा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा बसंत ऋतु में जब प्रकृति पूर्ण यौवन से परिपूर्ण होती है़, के मध्य सूर्योदय के साथ प्रारम्भ होता है़ इसी दिन श्री ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी तथा सर्वे भवन्तु सुखिनः के मद्देनजर आयुष विभाग के ध्येय के अनुसार सभी लोगों के निरोग रहने हेतु आयुर्वेदिक चिकित्सालय द्वारा योग शिक्षकों के माध्यम से जन-जन कॊ स्वस्थ एवम मानसिक रूप से सुदृढ़ और स्वस्थ भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है़ अतः शरीर से रोगों कॊ दूर करने के लिए तथा आधे से ज्यादा रोग जिससे दूर होते हों ऐसे सूर्य नमस्कार आसन के महत्व कॊ बताते हुए जिसमें अन्य आसनों प्रणाम, ह्स्तोतासन, पादहस्तासन, अश्वसंचालन, पर्वतासन, साष्टांगासन, भुजंगासन का समावेश और इसकी विपरीत अवस्था में पुनरावृति होती है़। यह आसन युवावर्ग कॊ न्यूनतम 10 से 15 और अन्यों कॊ भी अपने शरीर की क्षमता अनुसार बढ़ते क्रम में करने का प्रयास करना चाहिए। रोगी व्यक्ति इसे न करे या फिर योग शिक्षक की देखरेख में करे यह व्यायाम पूर्ण व्यायाम है़ इसके करने से सभी अंग प्रत्यंग बलिष्ठ, निरोगी, पेट के अंग हृदय, फेफड़े, किडनी स्वस्थ, रीढ़ की हड्डी लचीली, रक्त प्रवाह बेहतर, चर्मरोगों में लाभदायक हड्डियों कॊ मजबूत बनाने में विटामिन डी का निर्माण, विटामिन, कैल्शियम व फास्फोरस जैसे आवश्यक खनिज लवणों के लिए अतीव उपयोगी इस सूर्य नमस्कार आसन कॊ प्रातः कालीन सूर्य की किरणों में सूर्याभिमुख होकर नित्य प्रातः अवश्य करना चाहिए, जिससे रोगनिदान के अतिरिक्त तनाव, थकान दूर तथा मन मस्तिष्क और शरीर तरोताजा रहता है़।

इस अवसर पर दिपिका, नितिका, मनप्रीत, सुषमा, मुस्कान, ललिता, सुनीता, रंजना, सोनिया, मधु, सुमन, ब्राह्मी आदि सभी ने नित्य प्रति प्रातः सूर्य नमस्कार आसन करने का संकल्प लिया।

 

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