आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। सोशल मीडिया पर मतदान करते हुए फोटो वायरल होने के बाद राज्य चुनाव आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए जिला चुनाव अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में कई क्षेत्रों से पोलिंग बूथ के अंदर मतदान करते हुए फोटो वायरल हुए हैं। हालांकि मतदान के समय किसी भी वोटर को मतदान केंद्र में अपने साथ मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगाया था। बावजूद इसके वोटरों ने फोटो कैसे खींचे। इस पर चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाते हुए जवाब तलब किया है।
आयोग के अधिकारियों के अनुसार मतदान केंद्र में वोट डालते समय फोटो कैसे खींचे गए? जबकि आयोग ने मतदान केंद्र में मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगाई थी। इन फोटो के वायरल होने के बाद मतदान केंद्रों में तैनात सुरक्षा बलों की मुस्तैदी पर भी सवालिया निशान लग गया है। वहीं मतदान केंद्रों में चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की कोताही भी सामने आई है। राज्य की अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नीलम दुल्टा ने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास सोशल मीडिया में वायरल हुए फोटो के साथ शिकायतें पहुंची हैं। इसके बाद आयोग ने प्रदेश के सभी जिलों के चुनाव अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग अगली कार्रवाई करेगा।
प्रत्याशियों के खाते में जुड़ेगा मतदान के दौरान होने वाला खर्च
प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतगणना के दौरान होने वाला खर्चा भी प्रत्याशियों के खाते में जुड़ेगा। प्रत्याशियों को इस खर्चे को अपने खाते में शो करना होगा। मतगणना के बाद प्रत्याशियों का खाता चेक किया जाएगा। यह खाता ऑब्जर्वर चेक करेंगे। इसके लिए वह एक बार फिर हिमाचल आएंगे। बता दें कि चुनाव संपन्न होने के बाद ऑब्जर्वर की टीम वापस लौट गई है। हालांकि टीम प्रत्याशियों का तीन बार अकाउंट पहले ही चुक कर चुकी है। जिसमें कहीं से भी किसी प्रत्याशी के अकाउंट में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है।
बताया जा रहा है कि मतगणना के दौरान राजनीतिक पार्टियों द्वारा काउंटिंग हॉल में बैठाए जाने वाले एजेंटों पर किए जाने वाले खर्च को भी प्रत्याशी को अपने अकाउंट में शो करना होगा। मतगणना के दौरान प्रत्याशी ने कितने एजेंट काउंटिंग हॉल में बिठाए हैं और किस तरह की व्यवस्था की हैए इसकी पूरी जानकारी निर्वाचन विभाग को देनी होगी। उन पर प्रत्याशियों ने कितना खर्च किया है, उसे अपने अकाउंट में शो करना होगा।