आवाज़ ए हिमाचल
22 अप्रैल। देश की राजधानी दिल्ली में लाकडाउन लगने के बाद हिमाचल प्रदेश के पुष्प व्यवसाय पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से करीब 50 करोड़ रुपए से अधिक का फूल दिल्ली की आजादपुर मंडी में जाता है। लॉकडाउन की वजह से कार्नेशन सहित विभिन्न किस्मों का फूल कौडि़यों के भाव बिक रहे हैं। पुष्प उत्पादकों को खर्च भी पूरा नहीं मिल पा रहा है। जानकारी के अनुसार सोलन, सिरमौर, कांगड़ा तथा बिलासपुर जिलों में पुष्प उत्पादन काफी बड़े स्तर पर किया जाता है। बीते वर्ष लॉकडाउन के कारण किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था। देश भर में कोरोना संक्रमण की वजह से सप्लाई ठप हो गई थी। इसी प्रकार के हालात एक बार फिर से बनने लगे हैं। हालांकि इस वर्ष सप्लाई तो सुचारू है, लेकिन डिमांड न के बराबर है। डिमांड कम होने की सबसे बड़ी वजह शादी समारोह में 50 लोगों की संख्या है। सीमित संख्या होने के कारण शादियों में इस्तेमाल होने वाले फूल की डिमांड लगभग शून्य हो गई है।
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित हैदराबाद में हिमाचली फूलों की डिमांड सबसे अधिक रहती है, लेकिन कोरोना संक्रमण के बड़ते मामलों ने पुष्प उत्पादकों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। इन दिनों पुष्प उत्पादकों द्वारा काफी बड़े स्तर पर कार्नेशन लगा रखा है। आमतौर पर कार्नेशन का एक फूल 12 से 15 रुपए तक बिकता है, लेकिन शादि समारोह न होने की वजह से दो से तीन रुपए में बिक रहा है। आगामी एक सप्ताह बाद लिलियम का फूल तैयार हो जाएगा। इसी प्रकार दो सप्ताह के बाद गुलदाउदी भी शुरू हो जाता है। ऐसे में पुष्प उत्पादकों को अब यह चिंता सताने लगी है कि अपने उत्पाद को कहां बेचें। डिमांड कम होने की वजह से बेहद सस्ते दाम पर फूल बेचना पुष्प उत्पादकों को मजबूरी बन चुका है।