मोदी कैबिनेट ने 382 मेगावाट की सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना को दी मंजूरी

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आवाज़ ए हिमाचल  

नई दिल्ली/शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी जिला की सीमा पर सतलुज नदी पर प्रस्तावित 382 मेगावाट की सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों संबंधी कैबिनेट समिति ने परियोजना के लिए 2,614 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी। परियोजना के निर्माण का काम सतलुज जल विद्युत निगम को सौंपा गया है। परियोजना में प्रतिवर्ष 1,382 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन होगा। परियोजना निर्माण के दौरान प्रदेश के 4,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। परियोजना प्रभावित परिवारों को दस साल तक प्रति माह 100 यूनिट निशुल्क बिजली मिलेगी। पांच साल में परियोजना का काम पूरा होगा। अगले 40 वर्षों तक हिमाचल सरकार को 2,803 करोड़ रुपये की निशुल्क बिजली सप्लाई होगी।

एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने बताया कि इस रन ऑफ रिवर परियोजना में 71 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध और इसके सतही पावर हाउस में छह उत्पादन इकाइयां होंगी। उत्पादित विद्युत का लेवलाइज्ड टैरिफ 3.90 रुपये प्रति यूनिट होगा। परियोजना को 70:30 के ऋण इक्विटी अनुपात पर वित्तपोषित किया जा रहा है। परियोजना पूरी होने पर एसजेवीएन इक्विटी पर 16.50 फीसदी का रिटर्न अर्जित करेगी।

वन और पर्यावरण मंजूरी पहले ही प्रदान की जा चुकी है। 266 करोड़ रुपये निर्माण पूर्व गतिविधियों पर व्यय किए गए हैं। कमिशनिंग पर एक फीसदी स्थानीय क्षेत्र विकास निधि सहित हिमाचल सरकार को उत्पादित विद्युत का 13 फीसदी निशुल्क प्रदान किया जाएगा। सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना ग्रिड को 1,382 मिलियन यूनिट हरित ऊर्जा प्रदान करेगी। कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 1.1 मिलियन टन की वार्षिक कमी करने में सहायक होगी।

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