पैरा वेट्स महासंघ नें किया वेतन आयोग की अधिसूचना का कड़ा विरोध

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आवाज़ ए हिमाचल

     अभिषेक मिश्रा बिलासपुर

08 जनवरी। हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग पैरा पैटस महासंघ की बैठक प्रधान दिलबाग जम्बाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में सरकार द्वारा जारी वेतन आयोग की अधिसूचना का कड़ा विरोध करते हुए इसे कर्मचारी के विरूद्ध बताया। बैठक में पारित प्रस्तावों की जानकारी देते हुए महासचिव रजनीश गौतम ने प्रेस को जारी एक बयान में बताया कि हिमाचल सरकार का अपना वेतन आयोग न होने के कारण पंजाब वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के समकक्ष अपने कर्मचारी का वेतन निर्धारण करती है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हिमाचल सरकार ने 3 जनवरी 2022 को अपने कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग को लागू करने की अधिसूचना जारी की है जो कि पंजाब के वेतन आयोग की रिपोर्ट से बिल्कुल भिन्न है और हिमाचल सरकार ने इस पे कमिशन की रिपोर्ट को तोड़ मरोड़ कर जारी किया है, जो कि सरासर गलत है।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने अपनी ही रिपोर्ट इस तरह से अधिसूचित करनी थी तो 5 साल का इंतजार क्यों किया, पहले ही अपने स्तर पर पे कमीशन की अधिसूचना जारी कर देनी चाहिए थी। रजनीश गौतम ने कहा कि इस आधी अधूरी पे कमिशन की रिपोर्ट को अधिसूचित करके सरकार व कुछ स्वयंभू कर्मचारी नेता जो कि अपने आपको कर्मचारी हितैषी होने का दावा करते हैं, झूठी वाहवाही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए तीन विकल्प जारी किए हैं जिनमें 2. 59, गुणांक कारक, 2.25 गुणांक कारक, एवं 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि है जबकि हिमाचल सरकार ने केवल 2.59 एवं 2.25 गुणांक कारक का ही विकल्प जारी किया है। जिससे कि पशुपालन विभाग में नियुक्त पैरा पेट्स कर्मचारियों को लाभ होने की बजाय नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि यही नहीं कि कई कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ने की बजाय कम हो रही है।

यह किस तरह का वेतन आयोग है, समझ से परे है। राज्य सरकार द्वारा जारी वेतन आयोग की अधिसूचना अनुसार जिन कर्मचारियों को 10-2012 में रि-’रिवाइज्ड पे स्केल दिया गया था यदि कर्मचारी उस पे स्केल के अनुसार वेतन निर्धारण करवाना चाहे तो उन्हें 2.25 गुणांक कारक का वेतन निर्धारित होगा, जो कि गलत है। गौतम ने कहा कि राज्य सरकार ने 10-2012 में भी पंजाब की तर्ज पर लाभ न देकर न्यूनतम वेतन दिया था जबकि पंजाब में इनिशियल पे दी गई दी गई थी। यही नहीं इस लाभ को 4-9-14 की स्कीम में भी लाभ माना गया। जिस कारण कर्मचारियों को 4-9-14 से मिलने वाले लाभ से वंचित रखा गया। उन्होंने कहा कि और तो और 10-2012 की अधिसूचना को 2 साल की नियमित सेवा के बाद दिया गया। जिससे कर्मचारियों को दोहरा नुकसान उस समय हुआ था। और अब सरकार ने इस तरह वेतन,

आयोग की अधिसूचना में भी कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। राज्य सरकार द्वारा पंजाब पे कमीशन की रिपोर्ट को मनमाने ढंग से लागू किया गया है जो की असहनीय है। रजनीश गौतम ने कहा कि आज प्रदेश के 70 प्रतिशत इस पे कमीशन का विरोध कर रहे हैं। पशु पालन विभाग कर्मचारी महासंघ ने सरकार से मांग की है कि पंजाब की तर्ज पर 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के विकल्प की अधिसूचना अविलंब जारी करें अन्यथा प्रदेश के पैरा पैटस नए स्केल के लिए विकल्प नहीं देंगे और मजबूरन संघ को संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इस बैठक में संघ के प्रधान दिलबाग जमवाल, उप प्रधान शिप्रा धर्माणी, उपप्रधान कमल प्रसाद, संगठन सचिव विक्रम ठाकुर, कानूनी सलाहकार परविंद्र जंवाल, राजेंद्र कुमार, प्रैस सचिव सुमन शर्मा, कार्यालय सचिव चंचल कुमार एवं नरेश कुमार उपस्थित थे।

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