पहले मौसम की मार, अब जानवरों से बचाना पड़ रहा सेब

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आवाज़ ए हिमाचल 

 

                     विपुल महेंद्र ( चम्बा )

 

03 अगस्त ।  जंगली जानवरों से सेब की फसल को बचाने के लिए अब बागवानों को बागीचों में ही पहरा देना पड़ रहा है। मौसम की मार के बाद अब जंगली जानवरों सहित पक्षियों की ओर से सेब को नुकसान पहुंचाने से बागवानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। होली उपमंडल के तहत आते परिक्षेत्र के बागवान अमृतसर, पठानकोट और जालंधर के लिए सेब की सप्लाई 15 अगस्त के बाद करेंगे। तब तक सेब को महफूज करना बागवानों के लिए चुनौती बना हुआ है।

उपमंडल होली के अधिकांश ग्रामीण सेब का उत्पाद कर ही अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर रहे हैं। बावजूद इसके कोरोना की मार के साथ पिछले वर्ष सेब की कम पैदावार ने बागवानों की चिंताओं को बढ़ा कर रख दिया। वहीं, अब इस बार जब सेब की फसल अच्छी हुई है तो जानवर और पक्षी भी सेब की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। दोपहर के समय बागवान खेतों में रुककर बगीचों की रखवाली कर रहे हैं लेकिन, रात के समय भगवान भरोसे ही रहना पड़ रहा है।

बागवानों राकेश कुमार, नरेश कुमार, रमेश कुमार और विनोद कुमार ने कहा कि सेब की फसल बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार अच्छी हुई है। उन्होंने कहा कि पहले मौसम की मार और अब जानवरों और पक्षियों की ओर से सेब की फसल को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। नतीजतन, उन्हें बगीचों में सेब की फसल बचाने के लिए चौकीदारी करनी पड़ रही है।

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