तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने काला दिवस के रूप में सरकार के जलाए पुतले

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आवाज़ ए हिमाचल 

27 मई । तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान छह महीने से दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हैं। उन्होंने साफ कह दिया है कि वे मांगें पूरी होने के बाद ही लौटेंगे। किसानों ने सबसे लंबे समय तक चलने वाले धरने का रिकार्ड बना दिया है। सरकार से कई चरणों की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है। आंदोलनकारी किसानों ने काले बिल्ले व कपड़े पहनकर सिंघु बॉर्डर के आसपास बाइक रैली निकाली।

किसानों ने अपने घरों, वाहनों व ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगाए। ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन सहित आंदोलन से जुड़े अनेक संगठनों ने काला दिवस मनाया । संयुक्त किसान मोर्चा की अपील पर किसानों ने इस मौके को काले दिवस के रूप में मनाया। तीनों धरना स्थलों पर सरकार के खिलाफ काले झंडे लहराए गए और सरकार के पुतले फूंके गए।

मोर्चा ने भगवान बुद्ध का जन्म, निर्वाण और परिनिर्वाण का उत्सव बुद्ध पूर्णिमा भी मनाया। उसके बाद किसानों ने अपने वाहनों व ट्रैक्टर-ट्रॉली पर काले झंडे लगाए और काले झंडे लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कुंडली बॉर्डर धरनास्थल पर पार्कर मॉल के पास हाईवे के अलावा किसान मोर्चा के अस्थायी कार्यालय व मुख्य मंच के पास किसानों ने प्रदर्शन करके केंद्र सरकार का पुतला फूंका। 


 

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