डल झील नड्डी में पानी रिसाव के चलते हज़ारों मछलियां मरी,मेनका गांधी ने की SDM से की बात

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आवाज़ ए हिमाचल

23 नवंबर।रिसाव का दंश झेल रही आस्था का केंद्र नड्डी की डल झील लगभग पूरी तरह से सूख गई है।पानी सूखने की बजह से सोमवार को झील में हज़ारों मछलियां मर गई।मंगलवार को मत्स्य विभाग ने स्थानीय लोगों व क्रांति स्वयं सेवी संस्था के सहयोग से झील में जिंदा मछलियों को अन्यंत्र जगह शिफ्ट किया गया,इसके लिए सैंकडों लोगों ने झील में उतरकर मछलियों को बाहर निकाला।इस दौरान स्थानीय लोगों संग तिब्बती समुदाय ने भी भाग लिया।इस दौरान एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेक्टा भी मौजूद रही।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व लोक सभा सांसद मेनका गांधी ने इस दौरान क्रांति एनजीओ के संयोजक धीरज महाजन के फोन पर एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेक्टा से बात की तथा मछलियों के मरने व झील के रिसाव बारे पूरी जानकारी ली।उन्होंने इस दौरान उन्होंने जरूरी निर्देश भी दिए।यहां बता दे कि धार्मिक व पर्यटन साथ नड्डी की यह झील शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में आती है।मंगलवार शाम समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने भी नड्डी में पहुंच कर पूरी स्थिति का जायजा लिया।इस दौरान उनके साथ धर्मशाला के विधायक विशाल नेहरिया भी मौजूद रहे।
झील का ऐसा आलम एक बार पहले भी हुआ था। 2014 में जब झील सूखी थी तो यहां की मछलियां मर गई थीं।यहां बता दें कि वर्ष 2014 से झील से पानी का रिसाव शुरू हुआ था, लेकिन प्रशासन आज दिन तक इसे रोकने में विफल रहा है। झील के सुंदरीकरण के नाम पर सरकारें और प्रशासन अब तक लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं। लेकिन परिणाम आज दिन तक शून्य ही है।
मणिमहेश के बाद डल झील दूसरी ऐसी पवित्र झील है, जहां हर वर्ष राधाष्टमी के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं। इसलिए इसे छोटा मणिमहेश के नाम से भी जाना जाता है। मई, 2014 में डल झील में पहली बार लीकेज के कारण झील खाली होनी शुरू हुई थी। उस समय प्रशासन ने लीपापोती कर केवल लीकेज वाले स्थान पर कंकरीट डाल दी। बावजूद इसके समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
क्रांति संस्था के संयोजक धीरज महाजन ने बताया कि उन्हें जैसे ही मछलियां मरने की खबर मिली वे अपने साथियों के साथ झील में पहुंचे तथा इस बारे प्रसाशन से बात कर मछलियों को बाहर निकालने के लिए संयुक्त रूप से रेस्क्यू अभियान चलाया।उन्होंने बताया कि मंगलबार को एक साथ चार सौ के करीब लोगों ने डल झील में उतर कर मछलियों को बाहर निकाला।उन्होंने बताया कि इस बारे मेनका गांधी ने उनके फोन से एसडीएम धर्मशाला से भी बात की है।

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