चंबा में चट्टान गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत,रामपुर में चट्टानों की चपेट में आया युवक

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आवाज़ ए हिमाचल

10 जनवरी।हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी के तीन दिन बाद सोमवार को मौसम खुल गया पर दुश्वारियां बढ़ गई हैं। चंबा में घर पर चट्टान गिरने से भीतर सो रहीं एक बुजुर्ग महिला की दबकर मौत हो गई है। मृतक की पहचान जयवंती (77) पत्नी रूलदू राम निवासी गांव बन्नू डाकघर बरौर के रूप में हुई है। रामपुर में वजीर बावड़ी निरमंड मार्ग पर पहाड़ी दरकने से एक युवक चट्टानों की चपेट में आ गया, जिससे उसने दम तोड़ दिया है।


सोमवार दोपहर बाद अटल टनल के नार्थ पोर्टल के पास पहाड़ी से हिमस्खलन हुआ है। इससे चंद्रा नदी का बहाव कुछ देर के लिए रुक गया। हालांकि, बाद में नदी का बहाव सामान्य हो गया। जनजातीय क्षेत्र लाहौल घाटी के राशेल-लिंगर गांव के बीच वामतट की पहाड़ी से भी लगभग एक किलोमीटर के दायरे में हिमस्खलन हुआ है। इस क्षेत्र में पहाड़ी वीरान होने के चलते किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।


वहीं, प्रदेश भर में अब भी पांच नेशनल हाईवे समेत 774 सड़कें ठप हैं। 600 बिजली ट्रांसफार्मर बंद होने से हजारों गांवों में ब्लैक आउट हो गया है। जल स्रोत और पानी की 249 परियोजनाएं जम जाने से जल संकट गहरा गया है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के 450 रूट ठप हैं।
मनाली में भारी हिमपात होने से घर लौटने वाले सैकड़ों सैलानी जगह-जगह फंस गए हैं। सोलंगनाला और नेहरूकुंड समेत अन्य क्षेत्रों में भी पर्यटक फंसे हुए हैं। कुल्लू में सीजन का पहला हिमपात हुआ है। सोमवार को राजधानी शिमला तक पहुंचने में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मंडी, चंडीगढ़ एनएच बाधित रहने से हीरानगर और संकट मोचन से कई किलोमीटर पैदल चलकर लोग शहर में पहुंचे।


सोमवार को शिमला में दूध-ब्रेड और अखबारों की सप्लाई भी देरी से पहुंची। तीसरे दिन भी राजधानी का अपर शिमला, रामपुर, किन्नौर से संपर्क कटा हुआ है। शिमला शहर में भी दिनभर बस सेवा बाधित रही। हजारों पर्यटक शहर की सड़कों पर जगह-जगह बर्फ में फंसते रहे। प्रदेश में मंगलवार से मौसम साफ रहने के आसार हैं। 13 जनवरी तक मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान है। उधर, सिरमौर के सतौन-श्रीरेणुका जी सड़क पर देर रात टिक्कर खड्ड के समीप भारी बारिश के बीच मलबे की चपेट में आने से एक कार बह गई। कार में सवार लोगों ने छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर कोटी टनल के समीप चट्टान सड़क के बीचोंबीच गिर गई। गनीमत यह रही कि कोई वाहन इसकी चपेट में नहीं आया। पांवटा-शिलाई एनएच-7 पर भी भूस्खलन से सैकड़ों वाहन फंसे रहे।

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