कोरोना की दूसरी लहर के चलते संक्रमितों में बढ़ रहा ब्लैक फंगस का खतरा, हिमाचल में नहीं पाया गया अबतक इसका कोई मामला

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल 

16 मई । कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमित मरीजों में म्यूकर मायकोसिस जिसे ब्लैक फंगस के नाम से भी जाना जाता है, होने का खतरा भी बढ़ रहा है। देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमित मरीज ब्लैक फंगस से भी ग्रसित पाए गए हैं। परन्तु ब्लैक फंगस से निपटने के लिए जिला कांगड़ा का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डा. गुरदर्शन गुप्ता के अनुसार  जिला कांगड़ा ही नहीं पूरी हिमाचल में अभी तक ब्लैक फंगस का कोई मामला नहीं आया है। इसके बाद भी हम लोग इससे निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कोरोना पॉजिटिव लोगों में भी अगर ब्लैक फंगस पाया जाता है तो उसे अलग रखने की जरूरत नहीं होती है।

उन्हें केवल एंटी फंगस के डोज देनी पड़ती है। यह डोज सामान्य से अधिक देनी होती है। जिला कांगड़ा में अभी एंटी फंगस की डोज काफी मात्रा में है।ब्लैक फंगस किसी मरीज में संक्रमण सिर्फ एक त्वचा से शुरू होता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। इसके इलाज में एंटी-फंगल थेरेपी का चार से छह सप्ताह का कोर्स होता है। यद्यपि यह शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है, इसलिए इसके उपचार के लिए फीजिशियन के अलावा, न्यूरोलॉजिस्ट, ईएनटी विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ आदि की टीम होना जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *