आनंदेष्वर पांडेय को हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया का कार्यकारी निदेशक बनने पर हमीद खान ने दी बधाई

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आवाज ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
30 जनवरी।बुरी ताकतें कितना भी जोर लगाएं लेकिन काबलियत हमेशा अपना रास्ता बना ही लेती हैं। जब यही काबलियत एक मुकाम पर पहंुचती है तो आलोचकों के मुंह स्वत ही बंद हो जाते हैं। यह बात बिलासपुर से संबंध रखने वाले   सीआरपीएफ में डिप्टी कमांडेट हमीद खान ने हैंडबाल के सुप्रीमों आनंदेष्वर पांडेय को हैंडबॉल फेडरेशन आफ इंडिया का कार्यकारी निदेशक के साथ-साथ हैंडबाल लीग का संयोजक बनने पर बधाई देते हुए कही। हमीद खान ने कहा कि हैंडबॉल फेडरेशन आॅफ इंडिया यानि एचएफआई का हाल में उपाध्यक्ष पद छोड़ने वाले पूर्व महासचिव डा. आनन्देश्वर पाण्डेय अब और ज्यादा ताकतवर बन कर उभरे है। डा. आनन्देश्वर पाण्डेय को अब उनके अनुभव और काबलियत के बूते एचएफआई का कार्यकारी निदेशक और हैण्डबाॅल लीग का कोआर्डिनेटर बनाया गया है। हमीद खान ने डा. आनंदेष्वर पांडेय से मुलाकात की तथा भविष्य में हैंडबाल को और ऊंचे स्तर तक ले जाने के लिए रणनीति तैयार की। हमीद खान ने बताया कि ये पद उन्हें अगले तीन साल के लिए मिला है। अभी हाल ही में बीती 24 जनवरी को लखनऊ में हुई आॅनलाइन मीटिंग में एचएफआई के अध्यक्ष एवं जगनमोहन राव ,महासचिव प्रीतपाल सिंह सलूजा व कोषाध्यक्ष विनय कुमार सिंह लखनऊ से जुडे थे। जबकि अन्य सदस्य वर्चुअल इस बैठक से जुड़े थे। इस बैठक में सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि पिछले काफी समय से खेल की निष्काम सेवा करने वाले डा. आनन्देश्वर पाण्डेय को कार्यकारी निदेशक और हैण्डबाॅल लीग के कोआर्डिनेटर का दायित्व सौंपा जाए। इस पर एचएफआई ने सर्वसम्मति से सहमति भी जता दी। वहीं निस्वार्थ भाव से हैंडबाल को बुलंदियों तक ले जाने वाले डा. पांडेय ने कहा कि वे सिर्फ हैण्डबाॅल खेल के प्रसार के लिए काम करना चाहते हैं। इससे पूर्व भी हैंडबाल की उन्नति के लिए ही कार्य किए हैं। डा. आनन्देश्वर पाण्डेय ने कहा कि कार्यकारी निदेशक के दायित्व के तौर पर उनकी जिम्मेदारी इंटरनेशनल लेवल पर एशियन हैण्डबाॅल फेडरेशन और इंटरनेशनल हैण्डबाॅल फेडरेशन के साथ देश में खेल मंत्रालय व भारतीय ओलंपिक संघ के साथ समन्वय बनाकर काम करना है। उनका मकसद है कि देश में हैण्डबाॅल खेल में बेहतर सुविधाएं मिले और हमारे खिलाड़ी वो इतने मजबूत हो जाए ताकि वह एशियाड में देश को पदक दिलाने का सपना साकार कर सके। इसके साथ ही वो ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर सके।

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