यहां उपमंडल मुख्यालय राजगढ से जो सबसे नजदीकी अग्निश्मन केंद्र पड़ता है। वे लगभग 40 किलोमीटर दूर सोलन है।राजगढ उपमंडल के शेष स्थानों से सोलन की दूरी 50 से 100 किलोमीटर तक है,ऐसे में अगर कही आगजनी की घटना हो जाये तो सोलन से फायर ब्रिगेड की गाडी को पंहुचने के लिए 2 से 4 घंटे का समय लग जाता है। सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतनी देर में आगजनी की घटना में कुछ भी नही बच सकता। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में चीड के जंगलों की संख्या भी काफी अधिक है। यह चीड के जंगल आग लगने के दौरान क्षेत्र के लिए बारूद के ढेर साबित हो रहे है।
गर्मियो के दिनों में यहां इन जंगलो में अचानक आग भडक जाती है और जंगलो के साथ लगते बाग,फसल से लहलहाते खेत तथा कई बार तो गौशालाओं व घरों तक को अपनी चपेट मे ले लेते है। इतना ही नही जंगलो में भी यह आग करोडो रूपये की वन संपदा के साथ साथ वन्य जीवो को भी खत्म कर देती है।ऐसे में अगर राजगढ उपमंडल मुख्यालय में अग्निश्मन केंद्र खुल जाए तो आगजनी से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। स्थानीय विधायक रीना कश्यप के अनुसार लोगो यह मांग उनके ध्यान में है और इसे जोरदार तरीके से सरकार के समक्ष उठाया जा रहा है।जल्द ही इस मांग के पूरे होने की संभावना है।