जिसके तहत मुख्यमंत्री बिना किसी शर्त के किसी को भी पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर पद पर नियुक्ति दे सकते हैं। प्रार्थी का आरोप है कि इस क्लॉज से अन्य पात्र अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में हिस्सा लेने का कोई मौका नहीं मिलता। एक बार पहले भी हाईकोर्ट ने पार्ट टाइम वर्कर पॉलिसी का क्लॉज-12 निरस्त किया था। कोर्ट ने मुख्यमंत्री की ऐसी शक्तियों को भेदभावपूर्ण व मनमाना ठहराते हुए उसे खारिज किया था।
अब सरकार ने उसी तरह की शक्तियां नई पॉलिसी बनाकर मुख्यमंत्री को दे दी हैं, जो न केवल गैरकानूनी है बल्कि कोर्ट के आदेशों की अवमानना भी है। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रथम दृष्ट्या प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताते हुए संबंधित स्कूल में क्लॉज-18 के तहत मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती पर रोक लगाने के आदेश दिए और सरकार से जवाब तलब किया है।