हिमाचल सरकार ने चहेतों को टेंडर देने वाले 10 अफसरों को दी क्लीन चिट

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महिला आईएएस अधिकारी की शिकायत पर शुरू हुई जांच

आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला, 2 जुलाई। हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग में सी और डी क्लास के टेंडर ए क्लास के ठेकेदारों को देने के मामले में फंसे अधिकारियों को सरकार ने क्लीन चिट दे दी है। जांच कमेटी ने पाया कि मामले में कोई वित्तीय अनियमितताएं नहीं पाई गई हैं। इन्हें चेतावनी देकर बहाल किया गया है। ये सभी अधिकारी अधिशासी और सहायक अभियंता पद पर तैनात हैं।

हालांकि, इनमें कुछ अधिकारी सेवानिवृत्त भी हो गए थे, लेकिन चार्जशीट होने के कारण इनके वित्तीय लाभ रोके गए थे। लोक निर्माण विभाग का मानना है कि सी क्लास के ठेकेदारों के टेंडर में भाग न लेने से ये टेंडर ए क्लास के ठेकेदारों को दिए गए। इन अधिकारियों पर 200 करोड़ रुपये के काम ए क्लास के ठेकेदारों से करवाने का आरोप था। आरोप थे कि इन अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार और पद का दुरुपयोग करते हुए ए क्लास के ठेकेदारों को काम आवंटित कर दिए।

नियमों के मुताबिक ए क्लास के ठेकेदार पुल और भवनों का निर्माण कर सकते हैं, लेकिन ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए डंगे, नालियों के निर्माण संबंधित कार्य आवंटित किए गए। विभागीय जांच के चलते इन्हें चार्जशीट किया गया। सरकार को ये भी शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ नेता चहेते ठेकेदारों को काम देने के लिए अधिशासी और सहायक अभियंता पर दबाव बनाते हैं। तमाम तरह की शिकायतों के बीच सरकार ने इनके खिलाफ जांच बैठाई थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद इन्हें बहाल किया गया है। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता ने बताया कि जांच रिपोर्ट में कोई वित्तीय अनियमितताएं नहीं पाई गई हैं। चेतावनी देकर इन्हें बहाल किया गया है।

महिला आईएएस अधिकारी की शिकायत पर सरकार ने जांच बिठा दी है। कृषि सचिव राकेश कंवर को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। 15 जुलाई तक इस बाबत रिपोर्ट तलब की गई है। कार्मिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने जांच के निर्देश दिए हैं। राज्य सचिवालय में कार्यरत आईएएस महिला अधिकारी की ओर से कार्मिक विभाग में अपने पीए सहित कुछ अन्य कर्मियों के खिलाफ 24 जून को शिकायत दी गई थी।

महिला आईएएस अधिकारी के अनुसार उन्हें धमकी दी गई। मानसिक तौर पर सभी ने एकत्र होकर प्रताड़ित किया। सवालाें से उनकी बात को काटा गया। आईएएस अधिकारी की इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कार्मिक विभाग ने मामले की विस्तृत जांच करवाने का फैसला लिया है। उधर, राज्य सचिवालय पीए एसोसिएशन ने भी इस मामले में सचिव सचिवालय प्रशासन से मुलाकात की है। एसोसिएशन के हस्तक्षेप के बाद सचिवालय प्रशासन विभाग ने महिला आईएएस अधिकारी के पास कार्यरत पीए को अन्य शाखा के लिए स्थानांतरित कर दिया है।

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