सुबाथू: खतरे में गोरखा ट्रेनिंग सेंटर, सेना ने खाली करवाया सैन्य क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा

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आवाज़ ए हिमाचल

सुबाथू। दो दिन हुई भारी बारिश का दंश 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र सुबाथू के एक बड़े हिस्से को भी झेलना पड़ रहा है। सुबाथू-धर्मपुर सडक़ पर पिछले कुछ समय से खतरे की जद में चल रहा मार्ग का एक बड़ा हिस्सा जमींदोज हो गया। इस कारण सडक़ के साथ लगता सेना का गैस गोदाम पूरा क्षतिग्रस्त हो गया है, जबकि रेस्टहाउस, एमईएस का पानी का टैंक, अस्पताल सहित कई फैमिली क्वार्टर भी खतरे की जद में आ गए हैं। इस कारण सैन्य अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं और इन सारी जगहों को खाली करवाया जा रहा है, ताकि जानमाल का नुकसान न हो सके। इस सडक़ के धंसने से इस पहाड़ी के ठीक नीचे बसे खालटू गांव की ओर सारा मलबा नाले के रूप में बह रहा है, जिससे ग्रामीण भी सहम गए हैं। सुबाथू-धर्मपुर मार्ग पर सैन्य क्षेत्र में करीब 50 मीटर सडक़ जमींदोज हो गई है, जिस कारण गोरखा ट्रेनिंग सेंटर का एक बड़ा हिस्सा भी अब खतरे की जद में है। सुरक्षा दृष्टिकोण के चलते सेना ने दोनों तरफ वाहनों को सैनिक क्षेत्र के असुरक्षित हिस्से में जाने पर रोक लगा दी है। बता दें कि दिनों बरसात से सुबाथू-धर्मपुर मार्ग पर नयानगर के पास सडक़ धंसने के बाद सडक़ का नामोनिशान मिट गया है।यहां हालात एनएच-5 चक्की मोड़ जैसे बन गए हैं। इस मार्ग को बहाल करने के लिए अभी लंबा समय लग सकता है।

जानकारी के अनुसार सैनिक क्षेत्र का यह हिस्सा एमईएस (मिल्ट्री इंजीनियरिंग सर्विस) के अधिकार में आता है, परंतु मार्ग बहाली को लेकर फिलहाल कोई हलचल नहीं देखी गई है, जबकि सैनिक क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक बड़े बजट की जरूरत होगी। स्थानीय लोगों की मानें तो हिमाचल में पिछले 50 वर्षों में भी तबाही का ऐसा मंजर कभी नहीं देखा गया। उधर, गुरुवार को सुबाथू-कुनिहार मार्ग पर गंंभरपुल के नजदीक पहाड़ खिसकने के कारण भारी वाहनों के लिए बाधित रहा, जबकि छोटे वाहनों के लिए मार्ग बहाल रहा। लोक निर्माण विभाग सुबाथू के सहायक अभियंता पुनीत कुमार ने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए सुबाथू-धर्मपुर वैकल्पिक बाइपास मार्ग को खोला जा रहा है। अब वाहन चालकों के लिए वाया कैंची मोड़ से कठनी आश्रम होते हुए यह रोड सुबाथू वन विभाग के विश्राम गृह के पास जाकर मिलेगा। यहां से वाहन धर्मपुर को जा सकेंगे।

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