सरवीन के सियासी दाव से ताश के पत्तों की तरह बिखर गए विरोधी

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आवाज ए हिमाचल

31 मार्च ।सामजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन ने नगर पंचायत शाहपुर में अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के हुए चुनाव के बहाने एक बार फिर अपने विरोधियों को पटखनी दे दी है।सरवीन ने इस चुनाव के बहाने न केवल नगर पंचायत के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष पद पर अपना कब्जा जमा लिया,बल्कि
एक मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी की तरह शतरंज की बिसात पर शह और मात का खेल खेलकर अपने विरोधियों को ताश के पत्तों की तरह बखेर दिया है।विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नगर पंचायत में हुए इस उलटफेर को सरवीन चौधरी की बड़ी जीत माना जा रहा है।दरअसल एक साल पहले ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बने शाहपुर पर इससे पहले भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश चौहान की पत्नी उष्मा चौहान का कब्जा था।राकेश चौहान को सरवीन विरोधी माना जाता है।पिछले साल पहली बार जनवरी माह में अध्यक्ष,उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में उष्मा चौहान कांग्रेस समर्थित पार्षदों के समर्थन से अध्यक्ष पद पर काबिज हुई थी,हालांकि इस चुनाव के दौरान सरवीन चौधरी अपने समर्थकों की जीत पर पूरी तरह से आश्वस्त थी,लेकिन एन मौके पर कांग्रेस व विरोधी पार्षदों के एक हो जाने से उन्हें बड़ा झटका मिला था।सरवीन ने उसी समय इस उलटफेर की गाथा लिख दी थी तथा जैसे ही नगर पंचायत को एक साल पूरा हुआ उन्होंने यह उलटफेर कर भी दिया।
बताया जा रहा है कि पिछले साल जनवरी माह में चुनाव के दौरान कांग्रेस व सरवीन विरोधी पार्षदों के बीच अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद को लेकर एक एग्रीमेंट हुआ था,लेकिन साल बीत जाने के बाद भी जब इस एग्रीमेंट को लेकर कोई वार्ता नहीं हुई तो उनमें आपसी कड़वाहट बड़ गई तथा इसी का फायदा उठा सरवीन चौधरी ने एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह विसात बिछा वार्ड 6 की पार्षद किरण कौशल को अपने पाले में कर लिया।सरवीन के पास तीन पार्षद पहले से ही थे,जबकि उलटफेर के लिए केवल एक पार्षद की आवश्यकता थी सब कुछ ठीक होने के बाद दो मार्च को चार पार्षदों से अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एसडीएम शाहपुर को दिला दिया।अहम यह है कि इस पूरे मामले की कमान सरवीन ने अपने हाथों में रखी थी तथा यहीं बजह है कि इसमें कोई चूक नहीं हुई तथा वे एक साल बाद ही सही पर नगर पंचायत शाहपुर पर अपना कब्जा जमाने में कामयाब रही।सरवीन ने इस चुनाव के बहाने न केवल कांग्रेस से उसका एक पार्षद छिन लिया,बल्कि अपने विरोधियों को उन्ही द्वारा बिछाई गई बिसात में धराशाही कर दिया।खेर कुछ भी कहा जाए लेकिन यह हकीकत है कि नगर पंचायत के बहाने सरवीन चौधरी ने आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दमदार तरीके से ताल ठोक दी है।

अध्यापिका रह चुकी है निशा शर्मा

नगर पंचायत शाहपुर की नई अध्यक्ष निशा शर्मा वार्ड पांच की पार्षद है।निशा शर्मा ने इस बार पहली बार चुनाव लड़ा तथा जीत हासिल की।निशा शर्मा ने कई सालों तक एक निजी स्कूल में अध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दी है।निशा के पति संजवीन शर्मा पीजीआई चंडीगढ़ में कार्यरत रहे है।अहम यह है कि उन्होंने पीजीआई में रहते हुए कई लोगों की निस्वार्थ सहायता की है तथा नगर पंचायत चुनाव में निशा शर्मा को इसका भी सीधा लाभ मिला है।

वार्ड छह की पार्षद है किरण कौशल

उपाध्यक्ष पद पर काबिज हुई किरण कौशल वार्ड 6 की पार्षद है।किरण कौशल ने इससे पहले उष्मा चौहान को समर्थन दिया था,लेकिन 2 मार्च को उन्होंने पाला बदलकर सरवीन को अपना समर्थन दे दिया।किरण कौशल के पति कमल कौशल शाहपुर के जाने माने व्यापारी है।

इन पार्षदों ने तख्तापलट में निभाई भूमिका

नगर पंचायत शाहपुर के तख्तापलट में चार पार्षदों की भूमिका मुख्य रही।वार्ड तीन के पार्षद आज़ाद,वार्ड चार के पार्षद शुभम ठाकुर,वार्ड पांच की पार्षद निशा शर्मा व वार्ड 6 की पार्षद किरण कौशल ने अध्यक्ष उष्मा चौहान व उपाध्यक्ष विजय गुलेरिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था तथा इन्ही पार्षदो की बदौलत नगर पंचायत को नया अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी मिल गया।

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