संस्कृति, संस्कारों, अध्यात्म और वैज्ञानिक गुणों से ओत-प्रोत है संस्कृत भाषा: अजय कुमार नन्दा

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आवाज़ ए हिमाचल 

बबलू गोस्वामी, नादौन। विश्व संस्कृत दिवस हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के अवसर पर पूरे विश्व में मनाया जाता है। संस्कृत दिवस की शुरुआत 1969 में हुई थी। 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था। तब से संपूर्ण भारत में संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। संस्कृत को दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक होने का गौरव प्राप्त है। इस वर्ष भी संपूर्ण विश्व में संस्कृत दिवस बड़ी ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। भारत सहित हिमाचल प्रदेश में भी प्रत्येक संस्कृत शिक्षक अपने-अपने विद्यालय में संस्कृत दिवस बच्चों के साथ मना रहे हैं तथा इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। इसी क्रम में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नादौन में भी संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया की अगुवाई में छात्राओं और अध्यापकों ने पूर्ण उत्साह के साथ संस्कृत दिवस मनाया। इस उपलक्ष्य पर विद्यालय के कार्यकारी प्रधानाचार्य परमजीत सिंह ने सभी छात्राओं को संस्कृत दिवस के महत्व और उपयोगिता के विषय में वर्णन प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त विद्यालय के रसायन प्रवक्ता अजय कुमार नंदा ने संस्कृत भाषा में अपना परिचय और शुभकामनाएं छात्रों को प्रदान की। संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया ने संस्कृत विषय के महत्व पर प्रतिपादन करते हुए बताया कि संस्कृत भाषा विश्व की सभी भाषाओं की जननी भाषा मानी गई है। हमारे संस्कारों का पूर्ण वर्णन इसी भाषा में प्राप्त होता है। जन्म से लेकर मरण तक के सभी संस्कारों में संस्कृत भाषा का महत्व यत्र-तत्र-सर्वत्र दिखाई देता है। उन्होंने बताया की संस्कृत भाषा केवल आध्यात्मिक ज्ञान तक सीमित न होकर वैज्ञानिक तथ्यों को भी दृष्टिगोचर करती है। इसकी अतिरिक्त कंप्यूटर के लिए संस्कृत भाषा सर्वश्रेष्ठ भाषा कही गई है और यह आधुनिक वैज्ञानिकों ने भी स्वीकार किया है।

इस उपलक्ष्य पर छात्राओं ने ग्रीटिंग, नारों, संस्कृत-श्लोकों, पेंटिंग आदि के माध्यम से सभी को संस्कृत दिवस की शुभकामनाएं प्रदान की। विद्यालय की बहुत सारी छात्राओं ने संस्कृत भाषा में श्लोक और गीत भी सुनाए। इस उपलक्ष्य पर विद्यालय के संगीत अध्यापक नरेंद्र सिंह ठाकुर ने भी संस्कृत गीत सुनाया जिससे सभी अध्यापक और छात्राएं मंत्र मुग्ध हो गई। इस कार्यक्रम में कार्यकारी प्रधानाचार्य सहित समस्त स्टाफ सदस्य वह छात्राएं उपस्थित रही।

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