‘संवाद’ कार्यक्रम में विद्यार्थियों के मानसिक-भावनात्मक विकास के लिए प्रशिक्षित किए अधिकारी

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  • डीसी कांगड़ा बोले- बेहद संवेदनशील होती है किशोरावस्था, सही जानकारी के अभाव में बच्चे अपना सकते हैं गलत आदतें
  • महीने के दो शनिवार जिला के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी छात्र-छात्राओं को करेंगे जागरूक

आवाज़ ए हिमाचल

ब्यूरो, धर्मशाला। स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को मानसिक और भावनात्मक रूप मजबूत बनाने के लिए जिला प्रशासन की पहल पर जिला कल्याण विभाग की ओर से संवाद कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए जिला के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 14 और 15 सितंबर को आयोजित इस कार्यक्रम में संबंधित अधिकारियों ने स्कूली बच्चों को तनाव और अवसाद से दूर रहने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। यह अधिकारी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में जाकर विद्यार्थियों को मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहने के तरीके सिखाएंगे, जिससे बच्चे नशे और अन्य असामाजिक गतिविधियों से दूर रह सकें।

जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि किशोरावस्था जीवन का एक संवेदनशील दौर होता है। इससे संबंधित आवश्यक और उचित जानकारी न होने से स्कूली बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके कारण कई बच्चे नशे जैसी गलत आदतें अपना लेते हैं। परिणामस्वरूप किशोर-किशोरियों का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास बाधित होने लगता है। स्कूली बच्चों को इस नकारात्मक प्रभाव से बचाने और किशोरावस्था में होने वाले बदलाव के बारे में बच्चों को सही जानकारी देने के लिए जिला प्रशासन कांगड़ा की ओर से संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

वहीं, जिला कल्याण अधिकारी कांगड़ा नरेंद्र जरयाल ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में किया जा रहा है। हर महीने दो शनिवार को विद्यालयों में इस संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला के एसडीएम, बीडीओ, सीडीपीओ, पुलिस अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, कल्याण अधिकारी, तहसीलदार इत्यादि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल रहे।

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