शाहपुर के जगदीश ने उठाया मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का लाभ, प्रतिवर्ष 8-10 लाख कमाई

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  •  सोलर फेंसिंग: सुरक्षा कवच से खेतों में हरियाली, किसानों के चेहरों पर लाली
  • मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना से सत्तर प्रतिशत मिल रहा किसानों को उपदान

आवाज़ ए हिमाचल

ब्यूरो, धर्मशाला। मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत सरकार से उपदान पर खेतों के लिए मिली सोलर फेंसिंग की सुविधा किसानों बागबानों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही है, फसल और पौधों के सुरक्षा कवच ने खेतों में हरियाली और किसानों के चेहरों पर लाली लौटा दी है। इसी योजना का लाभ उठाकर शाहपुर के सलोल के बागबान जगदीश सैणीे प्रतिवर्ष आठ से दस लाख की आमदनी अर्जित कर अपने परिवार का भविष्य संवार रहे हैं वहीं सोलर फेंसिंग लगाकर पौधों को सुरक्षा कवच प्रदान ही नहीं किया बल्कि अपने दिन रात की मेहनत के फल में निश्चिंतता के रंग भर दिए। जगदीश सैणी उन किसानों के लिए भी प्रेरणा पुंज बने हैं जिन किसानों ने जंगली जानवरों के डर से अपने खेतों को बंजर छोड़ दिया है और सोलर फेसिंग योजना का लाभ उठाकर किसान खेतीबाड़ी की ओर पुनः लौटने लगे हैं।
सलोल के बागबान जगदीश चंद सैणी ने बताया कि वह पहले खेतों में सब्जियां उगाकर अपने परिवार का जीवन यापन करते थे लेकिन जंगली जानवरों के कारण उनकी 50 से साठ प्रतिशत फसल बर्बाद हो जाती थी, खेतों की रखवाली के लिए खेतों के चारों तरफ कटीली झाड़ियों का बाड़ लगाया करते थे, लेकिन इसे जंगली जानवर तोड़कर खेतों में प्रवेश कर जाया करते थे और फसलें नष्ट कर देते थे। जिसके कारण उनको काफी नुक्सान उठाना पड़ता था।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के बारे में जब कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने उनको खेतों की फेंसिंग के लिए सत्तर प्रतिशत अनुदान के बारे में जानकारी दी तो तो उन्होंने इस योजना का लाभ उठाते हुए 50 कनाल में सात सौ मीटर के लगभग पांच लाख की लागत से सोलर फेंसिंग करवाई जिसमें 95 हजार रूपये खर्च किए जबकि सरकार की ओर से 4 लाख 5 हजार का अनुदान दिया गया तथा उन्होंने अपने 50 कनाल के खेत में 2000 पौधे नींबू, 800 पौधे गलगल, 200 पौधे मौसमी के लगाए हैं। इसके अलावा सरकार की ओर से दो बोरबेल तथा ड्रिप ईरिगेशन के लिए उपदान भी दिया गया।

उन्होंने कहा कि सोलर फेंसिंग के कारण पौधों को जंगली जानवर किसी भी तरीके का नुक्सान नहीं पहुंचा रहे हैं। जगदीश सैणी ने बताया कि अब वर्ष में पांच से छह लाख रूपये के करीब नींबू तथा तीन से पांच लाख के करीब गलगल बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं तथा इनकी फसल को खेतों से खरीद लिया जाता है।
जगदीश सैणी ने कहा कि सभी किसानों को इस योजना का लाभ उठाकर किसान जंगली जानवरों से चिंतामुक्त होकर अपनी खेती से बेहतर आमदनी अर्जित कर सकते हैं तथा बंजर भूमि का भी सही उपयोग हो सकेगा।
उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि कृषि में स्वरोजगार की असीम संभावनाएं हैं तथा सरकार की ओर से किसानों की उन्नति के लिए विभिन्न योजनाएं क्रिर्यान्वित की जा रही हैं इन योजनाओं का लाभ सभी किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को व्यापक प्रचार प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किसानों की आमदनी दुगुनी करने के लिए आरंभ की गई हिम उन्नति योजना के तहत भी किसानों को कृषि विभाग की तरफ से आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

 

उपनिदेशक राहुल कटोच ने कहा कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत फसलों को जंगली जानवरों तथा पशुओं से बचाने के लिए सरकार की ओर से सोलर फेंसिग के लिए सत्तर प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है तथा कांगड़ा जिला में किसानों को खेत संरक्षण योजना के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है ताकि किसान अपनी फसल को बचा सकें और अच्छी आमदनी अर्जित कर सकें। उन्होंने कहा कि खेत संरक्षण योजना का लाभ लेने के लिए एग्रीडीबीटी ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।

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