पेपर लीक मामला: सीबीआई के राडार पर अब हिमाचल पुलिस, भर्ती करने वाले अफसरों को भेजी प्रश्नावली

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक के केस में शामिल अधिकारी अब सीबीआई के राडार पर हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पुलिस भर्ती में शामिल अधिकारियों को प्रश्नावली भेजी है। पुलिस भर्ती में शामिल अधिकारियों को प्रश्नावली भेज कर जबाव मांगे हैं। प्रश्नावली के जबाव भेजने के बाद सीबीआई पुलिस अधिकारियों को पूछताछ के लिए भी बुला सकती है। हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर सीबीआई ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। सीबीआई चंडीगढ़ के डीएसपी दिनेश कुमार और डीएसपी रविंद्र कुश को दोनों एफआईआर की जांच सौंपी गई है। एफआईआर दर्ज करने के लिए अब सीबीआई के अधिकारियों ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को पत्र जारी करके एफआईआर सहित तीनों चार्जशीट का डाटा मंगवाया था। पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच के लिए सीबीआई ने पुलिस विभाग से रिकार्ड लेने के बाद दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर ली हैं। सीबीआई ने पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की धारों के तहत ही एफआईआर दर्ज की है।

सीबीआई ने पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में सोलन जिला के पुलिस थाना अर्की में 17 अप्रैल, 2022 को पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में 420, 120 बी, 201 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस थाना अर्की में दर्ज किए गए केस में 29 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। इसके अलावा सीबीआई ने पुलिस भर्ती मामले में पुलिस थाना गगल में 91 आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की धाराओं पर एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर पुलिस भर्ती में शामिल पुलिस अधिकारियों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी। पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई, सीबीआई इसको लेकर भी जांच करेगी। पुलिस भर्ती में शामिल अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सीबीआई की जांच के घेरे में आएगी। ऐसे में सीबीआई की जांच में कई पुलिस अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में पूरे मामले की नए सिरे से जांच कर रही है।

एसआईटी ने गिरफ्तार किए थे 183 से ज्यादा आरोपी

गौर हो कि पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एसआईटी ने 183 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था और तीन अलग-अलग चार्जशीट दायर की गई हैं। इसके अलावा पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में पुलिस अधिकारियों की भूमिका की भी जांच के लिए बोर्ड ऑफ ऑफिसर्ज का भी गठन किया गया था, लेकिन अभी तक पुलिस की जांच में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई है।

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