जलशक्ति विभाग में अब आउटसोर्स भर्ती नहीं; डिप्टी CM बोले, जल्द ही 5000 भर्तियां करेगी प्रदेश सरकार

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आवाज़ ए हिमाचल

 शिमला। जलशक्ति विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती अब नहीं होगी। विभाग ने पांच हजार पदों को भरने का फैसला किया है। इनमें आउटसोर्स पर एक भी कर्मचारी नहीं होगा। आउटसोर्स कंपनी का अनुबंध खत्म हो गया है। अब जलशक्ति विभाग भविष्य में क्लीन वेज कंपनी से अुनबंध नहीं करेगा। जलशक्ति विभाग ने भविष्य में 5000 भर्तियों फैसला लिया गया है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने यह खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में ग्रीन वेज कंपनी को जलशक्ति विभाग में भर्ती का टेंडर दिया था। इस कंपनी ने रोजगार कार्यालय की तरह जलशक्ति विभाग में भर्ती प्रक्रिया को चलाया। 837 पंप ऑपरेटर 162 फिटर, 735 बेलदार, 538 चौकीदार के कुल 2322 कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्स माध्यम से की। इस कंपनी को जलशक्ति विभाग की ओर से 31 मार्च तक 40 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।

अब इनमें से कितने कर्मचारियों का पीएफ कट रहा है और कितनों का नहीं यह देखने वाली बात है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने आउटसोर्स की भर्ती को पैरा पॉलिसी में बदलने का भी प्रयास किया और इस पॉलिसी के तहत 8370 पैरा वर्कर रखने का निर्णय लिया गया। पैरा पॉलिसी के तहत कुछ विधानसभा क्षेत्रों में कर्मचारियों की भर्तियां हुई भी हैं। अब कंपनी का अनुबंध खत्म होने के बाद आउटसोर्स के कर्मचारी बाहर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी सरकार का हिस्सा नहीं थे, लेकिन जो कर्मचारी पैरा पॉलिसी में चले गए, वे सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं। भविष्य में कर्मचारियों के साथ ऐसा न हो, इस पर काम होगा। पांच हजार भर्तियां करने के बाद सरकार पूर्व सरकार के समय प्रस्तावित 3708 पदों को भरने की प्रक्रिया पर भी विचार करेगी। आगामी बजट में इस भर्ती को दस हजार तक लेकर जाने की संभावना है।

करूणामूलकों को पॉलिसी लाएगी सरकार

करूणामूलक कर्मचारियों की भर्ती अब जलशक्ति विभाग में होगी। राज्य सरकार इस भर्ती के लिए जल्द ही नीतिगत फैसला लेने जा रही है। जलशक्ति विभाग में करूणामूलक आधार पर अभी तक महज सात ही पद भरे गए हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जलशक्ति विभाग में बेलदारों के पद डाइंग कैडर में थे और इस वजह से यह भर्ती नहीं हो पाई। विभाग में अभी भी 506 करूणामूलक भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। इनकी भर्तियां नीतिगत फैसले के तहत होंगी।

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