जम्मू-कश्मीर: भ्रष्टाचार में संलिप्त 9 सरकारी कर्मचारी जबरन सेवानिवृत्त

Spread the love

धन के दुरुपयोग और नकली बिल बनाने का आरोप

आवाज़ ए हिमाचल  

जम्मू, 25 जून।  जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को आवास एवं शहरी विकास विभाग के पांच अफसरों समेत नौ कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया। इनके खिलाफ धन का दुरुपयोग, अभिलेखों में फर्जीवाड़ा, नकली बिल बनाना, अवैध निर्माण की अनुमति देना, वित्तीय अनियमितताओं और विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों में अपने कार्यकाल के दौरान अवैध नियुक्तियां करने के आरोप हैं।

इन अफसरों में अधिकांश को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच का सामना करना पड़ा और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है। बर्खास्त किए जाने वालों में मेहराजुद्दीन बूजा इंचार्ज वरिष्ठ भवन अधिकारी श्रीनगर नगर निगम, गुलाम मोहिउद्दीन मलिक कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद अनंतनाग, सहायक स्वच्छता अधिकारी नगर समिति शोपियां शब्बीर अहमद वानी शामिल हैं।

इसके अलावा जाकिर अली स्वच्छता पर्यवेक्षक नगर समिति डोडा, अब्दुल लतीफ प्रधान सहायक नगर समिति बनिहाल और सुकेश कुमार वरिष्ठ सहायक नगर पालिका डोडा शामिल हैं। आवास और शहरी विकास विभाग के अन्य तीन कर्मचारियों को कथित भ्रष्टाचार के आरोप में सेवानिवृत्त किया गया है, जिनकी पहचान गौहर अली तुगू इंचार्ज सचिव शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय, शगुफ्ता फाजिल सचिव शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय कश्मीर और ठाकुर दास इलेक्ट्रीशियन नगर समिति रियासी के रूप में हुई है।

एक अधिकारी ने बताया कि सभी कर्मचारियों को जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा विनियम के 226 (2) अनुच्छेद के तहत जबरन सेवानिवृत्त कर दिया गया है, जो प्रशासन को 22 साल की सेवा पूरी करने या 48 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद किसी भी समय सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करने की अनुमति देता है।

नियमानुसार कर्मचारियों को तीन महीने के नोटिस या तीन महीने के वेतन के साथ सेवानिवृत्त किया जाता है। हालांकि वे पेंशन लाभ के हकदार रहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *