छाया वर्मा, प्रियंका चतुर्वेदी , फौजिया खान और अन्य सांसदों ने लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण की मांग की

Spread the love
आवाज के हिमाचल

8 मार्च। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राज्यसभा में महिला सांसदों को विभिन्न मुद्दों पर बोलने का मौका दिया गया। छाया वर्मा, प्रियंका चतुर्वेदी , फौजिया खान और अन्य सांसदों ने लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण की मांग की।  कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने कहा, ‘ संसद व राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने का समय आ गया है लेकिन सरकार बेटी पढ़ाओं की बात करती है लेकिन बेटियों की हालत ठीक नहीं है। भाजपा सांसद सरोज पांडे  ने कहा कि सरकार महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को दूर करने की कोशिश कर रही है।

राज्यसभा में सोमवार को महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग की गयी ताकि संसद तथा विधानसभाओं में महिला सदस्यों की संख्या बढ़ सके। इसके साथ ही सांसदों ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया। सदन में कांग्रेस सदस्य छाया वर्मा ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे नारे के बाद भी कई स्थानों पर महिलाओं की स्थिति में बहुत सुधार नहीं आया है। उन्होंने संसद में भी महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की मांग की। कांग्रेस की ही फूलो देवी नेताम ने महंगाई का जिक्र करते हुए कहा कि इससे घर की रसोई पर भी असर पड़ा है और महिलाएं इससे विशेष तौर पर परेशान हो रही हैं। भाजपा की सरोज पांडे ने कहा कि सरकार के प्रयासों से कई स्थानों पर महिला और पुरूष के अनुपात में सुधार हुआ है।

मनोनीत सोनल मान सिंह ने कहा कि जनसंख्या में महिलाओं की संख्या आधे से अधिक है लेकिन वे अधिकार से वंचित हैं। उन्होंने महिला दिवस की तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाए जाने का भी सुझाव दिया। शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण महिलाओं पर सबसे ज्यादा भार बढ़ा और उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के साथ ही घरेलू मोर्च पर भी अधिक कार्यभार का सामना करना पड़ा। उन्होंने संसद व विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग की।

राकांपा की फौजिया खान ने कहा कि महिलाएं हमेशा सेवा क्षेत्र में आगे रही हैं चाहे वह रेड क्रॉस हो या प्लेग महामारी। उन्होंने कहा कि निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाए जाने की जरूरत है। कांग्रेस की अमी याज्ञनिक ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में महिलाओं को यह जानकारी नहीं है कि महिलाओं के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय दिवस भी मनाया जाता है। उन्होंने महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया और कहा कि उनके प्रयासों से पंचायतों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी। भाजपा की सीमा द्विवेदी ने कहा कि महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में देश का सम्मान बढ़ाया है। वहीं भाजपा की संपतियांं उइके ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में महिला सांसदों की संख्या बढ़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *