खाली पड़े सरकारी भवन में स्थानांतरित होंगे 6 कार्यालय, महीने के बचेंगे 10 लाख

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आवाज ए हिमाचल

ब्यूरो, शिमला। व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य सरकार मौजूदा संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित कर रही है। इस दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने प्रदेश के प्रमुख सरकारी विभागों को खाली पड़ी टूटी कंडी ईमारत (Tutu KandiBuilding) में स्थानातरित करने के निर्देश दिए हैं।

सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग, हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग, आबकारी एवं काराधान विभाग, हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य आयोग, ऊर्जा निदेशालय और हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक कार्यालय के आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली को जनवरी, 2024 तक किराए के आवासों से टुटीकंडी पार्किंग कॉम्पलेक्स शिमला में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं। इस निर्णय का उद्देश्य लंबे समय से खाली पड़े भवन का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के साथ-साथ सार्वजनिक खर्चों में भी कटौती भी करना है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान में पुलिस हेल्पलाइन (Police Helpline) का कार्यालय पहले से ही बहुमंजिला पार्किंग टूटीकंडी में कार्यशील है और अब छः अतिरिक्त विभाग इस इमारत से संचालित होंगे। प्रदेश सरकार जनता के धन का उचित उपयोग सुनिश्चित कर रही है। सरकार के इस निर्णय से सार्वजनिक धन से निर्मित भवन का उपयोग सुनिश्चित होने के साथ-साथ इन सरकारी कार्यालयों के लिए किराए (Rent) के आवास पर खर्च किए जा रहे प्रति माह 10 लाख रुपये से अधिक के धन की भी बचत (Saving) होगी।

मुख्यमंत्री के निर्देशों की अनुपालन करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने संबंधित विभागों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप भवन की आन्तरिक सज्जा की जरूरतों को देखा लोक निर्माण विभाग ने कार्यालयों की आवश्यकता के अनुरूप भवन में परिवर्तन कर, इसे कार्यालय के रूप में उपयोग के लिए तैयार किया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इन छह विभागों को नए भवन में कामकाज शुरू करने के लिए शीघ्र बिजली और पानी (Electricity and Water) के कनेक्शन के लिए आवेदन करने के निर्देश दिए हैं।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार संसाधन जुटाने और वित्तीय जिम्मेदारी के प्रति समर्पण भाव से कार्य कर रही है। उन्होंने राज्य की वित्तीय चुनौतियों के लिए पिछली भाजपा सरकार के कुप्रबंधन (mismanagement) को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी (economy back on track) पर लाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

सार्वजनिक धन को बचाने के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार रणनीतिक (strategically) तौर पर मौजूदा बुनियादी अधोसंरचना (infrastructure) का समुचित उपयोग सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक धन से निर्मित कम उपयोग वाली इमारत का सदुपयोग करना सरकार की फिजूलखर्ची को कम करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

 

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