कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के चपेट में आने के डर से, सरकार ने बच्चों के इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल पर लगाई रोक

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आवाज़ ए हिमाचल 

10 जून । कोरोना  की तीसरी लहर में बच्चों को होने वाले इस जानलेवा संक्रमण की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने उनके इलाज के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं। सरकार ने कहा है कि बच्चों के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा । साथ ही बच्चों के सीने में संक्रमण की जांच के लिए सीटी स्कैन का भी तर्कसंगत तरीके से उपयोग किया जाएगा । बच्चों के इलाज के लिए विस्तृत दिशानिर्देश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय  की ओर से जारी किए गए हैं।

डीजीएचएस ने बच्चों में लक्षण रहित और मध्यम संक्रमण वाले मामलों में स्टेरॉयड के इस्तेमाल को भी बेहद हानिकारक बताया है। डीजीएचएस ने अस्पताल में भर्ती गंभीर और मध्यम संक्रमण से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में ही स्टेरॉयड का उपयोग करने के लिए कहा है ताकि इसका सही समय पर सही मात्रा में और पर्याप्त खुराक का ही उपयोग किया जाए।

रेमडेसेविर इंजेक्शन के इस्तेमाल के लिए डीजीएचएस ने स्पष्टीकरण दिया है कि 3 साल से 18 साल के आयुवर्ग में इसके इस्तेमाल से सफलता मिलने के पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में बच्चों में रेमडेसिविर का इस्तेमाल न किया जाए। हाई रेजोल्यूशन सीटी स्कैन के तर्कसंगत उपयोग की सलाह देते हुए डीजीएचएस ने कहा है कि सीने के स्कैन से उपचार में बेहद कम मदद मिलती है। ऐसे में चिकित्सकों को चुनिंदा मामलों में ही कोविड-19 मरीजों में एचआरसीटी कराने का निर्णय लेना चाहिए।

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