कांग्रेस जनता को बताएगी की कैसे मचाई है भाजपा की सरकारों ने लूट: राम लाल ठाकुर 

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आवाज ए हिमाचल 

          अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर

29 जून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व पूर्व उद्योग मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर ने खाद्यानों की कीमतें पिछले 60 वर्षों ने निम्नतम स्तर पर थी वह केवल पिछले सात वर्षों में दुगने से भी ज्यादा हो चुकी है। यदि हम पिछले 7 वर्षों में देखे और कोरोना काल में महंगे किराना सामान की कीमतों ने आम  लोगों की परेशानी और ज्यादा बढ़ा रखी है।  लगातार बढ़ रही सरसों तेल और रिफाइन की कीमत ने घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। चीनी, चावल, आटा और दाल के भाव में भी इजाफा से आम खरीदार से लेकर गृहिणी तक परेशान हैं। कोरोना काल में आर्थिक संकट झेल रहे लोग महंगाई की मार से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। खासकर गरीब और मध्यवर्गीय लोंगो का जीना मुहाल हैं। अगर खाद्यानों के ताजा आकड़ो पर नज़र डालें तो  जनवरी में 145, अप्रैल में 175 और मई में 200 रुपए लीटर हो गया सरसों तेल। वहीं रिफाइन 90से 100 रुपए और अब 160-170 रुपये प्रति लीटर हो गया है। महज दो माह में दाल की कीमत 20 से 30 प्रतिशत से ज्यादा में वृद्धि हुई है। मार्च-अप्रैल में 70 रुपए किलो बिकने वाला मसूर व चना दाल 85रुपए हो गया है। मूंग दाल से 100 से बढ़कर 115 हो गया है। इसी तरह चीनी की कीमत 37-38 से बढ़कर 42- 47 रुपए प्रतिकिलो हो गया है। चावल की कीमत में 5  से 7 रुपए किलो तक का इजाफा हुआ है। चायपत्ती की कीमत में पहले ही प्रतिकिलो करीब 80 से 100 तक वृद्धि हुई है। इसके ऊपर डीजल की कीमत बढ़ने से ट्रांसपोर्टिंग खर्च बढ़ जाने के कारण हर तरह के खाद्यान्न की कीमत में बढ़ी है। ऐसे में लगातार बढ़ रही कीमत से घर चलाना हुआ मुश्किल हो गया है। ऐसे में जो लोग आज़ादी के बाद से 60 वर्ष में देश की अर्थिकि और कीमतों के बारे में बात करते थे वह कृपया बताएं कि पिछले केवल 7 वर्षों देश मे भाजपा की सरकार है में जो खाद्यानों की कीमतों में वृद्वि हुई है उसके बारे में उनके क्या विचार है और ऊपर से कोरोना महामारी की मार।

डीज़ल पेट्रोल व रसोई गैस ……………..
वर्ष 2021 जून महीने तक डीज़ल और पेट्रोल के दाम बढ़ दुगने से भी ज्यादा हो चुके हैं। आज सभी कोरोना की मार झेल रहे है। आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि सरकारी पेट्रोल कम्पनियों की यह लूट कब तक जारी रहेगी। तेल की कीमतें यूपीए सरकार के समय 2014 में डीजल 40 रुपये और पेट्रोल 51 रुपये प्रति लीटर रहता था जो कि अब डीज़ल 87 रुपये और पेट्रोल 96 रुपये प्रति लीटर हो चुका है। इसके ऊपर रसोई गैस की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से शहरी क्षेत्र का जन जीवन बमुश्किल हो चुका है। आज की तारीख में एल पी जी का गैस का सिलेंडर करीब 900 रुपये की दर को पार का चुका है। जबकि युपीए सरकार के समय यह 374 से लेकर 387 रुपये के आस पास रहता था। उन्होंने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि देश मे भाजपा की सरकार ने “एक राष्ट्र एक कर” एक नारा दिया था लेकिन अब भी डीज़ल और पेट्रोल को “एक राष्ट्र एक कर” के दायरे से बाहर क्यों रख जा रहा है, क्यों डीज़ल और पेट्रोल को जी एस टी के दायरे में नहीं लाया जा रहा है। यह दोगली नीति भाजपा के द्वारा क्यों अपनाई जा रही है। मज़े की बात है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने “18 अक्तूबर, 2014 को सरकार ने डीज़ल पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर इसका बोझ आम जनता पर डाल दिया, तब से लेकर आज तक सरकारी लूट चालू है और पूछने वाला भी कोई नहीं। राम लाल ठाकुर ने कि बेतहाशा महंगाई के मुद्दों को लेकर कांग्रेस पार्टी अखिल भारतीय कांग्रेस के आह्वान को लेकर सड़को पर जाएगी और घर घर जाकर लोंगो को विश्लेष्णात्म ढंग से कांग्रेस 60 वर्षों राज में कीमतों के बारे में बताएगी और भाजपा के 7 वर्षों के राज के बारे में बताएगी ताकि लोगों को पता चल सके कि भाजपा ने किस तरह से देश मे लूट मचाई है।

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