कन्या विद्यालय नादौन की बेटियों ने प्रदेश में चमकाया जिला हमीरपुर का नाम 

Spread the love

हमीरपुर का प्रतिनिधित्व करते हुए शिमला के नेरवा में आयोजित अंडर-19 राज्य स्तरीय सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की समूह-गान प्रतिस्पर्धा में पाया प्रथम स्थान

आवाज़ ए हिमाचल 

बबलू गोस्वामी, नादौन। कहते हैं “उद्यमेन हि सिद्ध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः। न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः।।” अर्थात् कठोर परिश्रम करने से ही सभी प्रकार के कार्यों में सफलता प्राप्त होती है, केवल मात्र इच्छाओं से नहीं; क्योंकि सोए हुए शेर के मुंह में हिरण स्वयं प्रवेश नहीं करते हैं। अर्थात् शेर को भी कठोर परिश्रम व अथक प्रयासों से ही सफलता प्राप्त होती है। इसी क्रम में राजकीय उत्कृष्ट कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नादौन के अत्यन्त कर्मठ व कर्तव्यनिष्ठ संगीत अध्यापक नरेंद्र सिंह ठाकुर तथा छात्राओं ने अपनी अथक तपस्या और कठोर मेहनत से समूह-गान में प्रदेश भर में प्रथम स्थान प्राप्त करके उपरोक्त उक्ति को सिद्ध कर दिया है।
जानकारी देते हुए विद्यालय के संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया ने बताया कि कन्या विद्यालय नादौन की 23 छात्राएं द्विदिवसीय अंडर-19 राज्य स्तरीय सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए जिला शिमला के राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नेरवा में गई थीं, जिन्होंने समूह-गान सहित सुगम-संगीत, शास्त्रीय-संगीत, संस्कृत-गीतिका और लोकनृत्य प्रतियोगिता में जिला हमीरपुर का प्रतिनिधित्व किया। बता दें कि राज्य स्तर पर होने वाली 9 प्रतियोगिताओं में से पांच प्रतियोगिताओं में कन्या विद्यालय नादौन की छात्राओं ने ही जिला हमीरपुर का प्रतिनिधित्व किया। इन सभी प्रतियोगिताओं में संगीत अध्यापक नरेंद्र सिंह ठाकुर व संस्कृत अध्यापक आचार्य नरेश मलोटिया मार्गदर्शक के रूप में उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त एल.ए. सुनीता कुमारी व पी.ई.टी. सविता संरक्षिका के रूप में उपस्थिति रहीं। इन प्रतियोगिताओं की समूह-गान प्रतियोगिता में एक बार पुनः प्रदेश भर में प्रथम स्थान प्राप्त करके छात्राओं ने कन्या विद्यालय नादौन सहित जिला हमीरपुर को गौरवान्वित किया। समूह-गान प्रतियोगिता में विद्यालय की 12 छात्राओं तन्वी ठाकुर, किरण बाला, आयुषी, प्रीति चौधरी, रिमझिम, शाइना शर्मा, शगुन धीमान, रूहानी, नेहा स्याल, स्माइल ठाकुर, स्वाति गुलेरिया और पायल ने अद्भुत और अभूतपूर्व प्रदर्शन करके यह मुकाम हासिल किया। इस मुकाम को हासिल करके वापस आने पर प्रधानाचार्या मंजू रानी व एसएमसी प्रधान रिंकू सहित समस्त स्टाफ सदस्यों, एसएमसी सदस्यों, अभिभावकों व छात्राओं ने सभी विजेता छात्राओं सहित साथ में गए हुए अध्यापकों का भव्य स्वागत किया। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में इन 12 छात्राओं के अतिरिक्त शाइना, आशना शर्मा, ख्वाहिश, स्वीटा गिल, कशिश, वंशिता टांक, रितिका टांक, वैष्णवी गुलाटी, नेहा पासवान, सारिका हीर और अंशिका ने भी विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अद्वितीय प्रदर्शन किया।

नेरवा में प्रथम स्थान प्राप्त करने के उपरांत कन्या विद्यालय नादौन की छात्राएं व अध्यापक पुरस्कार ग्रहण करते हुए।
नेरवा में प्रथम स्थान प्राप्त करने के उपरांत कन्या विद्यालय नादौन की छात्राएं व अध्यापक पुरस्कार ग्रहण करते हुए।

 

संगीत अध्यापक नरेन्द्र सिंह ठाकुर व छात्राओं की कठिन तपस्या फलीभूत हुई- प्रधानाचार्या

इस उपलक्ष्य पर प्रधानाचार्या ने संगीत अध्यापक नरेंद्र सिंह ठाकुर के अथक प्रयासों और कठिन परिश्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कोई एक दिन की सफलता नहीं है, अपितु इसके पीछे संगीत अध्यापक का वर्षों से किया गया अथक प्रयास व परिश्रम है। उन्होंने बताया कि संगीत अध्यापक पूरा वर्ष सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक का अतिरिक्त समय देकर तथा अवकाश के दिवसों में भी छात्राओं का मार्गदर्शन करते रहते हैं। इसके साथ उन्होंने छात्राओं की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी छात्राएं भी लगातार अपने गुरु की आज्ञा की अनुपालना करती हुईं बिना थके-हारे मेहनत करती हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया भी पूरा वर्ष संगीत अध्यापक के साथ मिलकर छात्राओं का लगातार मार्गदर्शन करते रहते हैं क्योंकि इसमें संस्कृत और संस्कृति से संबंधित प्रतियोगिताएं हैं। इसके अतिरिक्त उप प्रधानाचार्य परमजीत सिंह, एसएमसी प्रधान रिंकू शर्मा, रसायन प्रवक्ता अजय कुमार नन्दा, भूगोल प्रवक्ता विनोद अवस्थी, टीजीटी हिंदी रजनी वाला, कला अध्यापिका वनिता सहित समस्त स्टाफ सदस्यों का इसमें संपूर्ण सहयोग प्राप्त होता है।

एसएमसी प्रधान ने प्रदान की ₹2100 व  प्रधानाचार्या ने ₹15,000 की सहयोग राशि 

छात्राओं को नेरवा ले जाने के लिए उत्तम सुविधा प्रदान करने हेतु एसएमसी प्रधान रिंकू शर्मा ने ₹2100 तथा प्रधानाचार्या ने ₹15,000 की सहयोग राशि प्रदान की, ताकि छात्राओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके अतिरिक्त अन्य अध्यापकों ने भी सहयोग राशि प्रदान की। बता दें कि छात्राओं को विभाग की तरफ से केवल आधा किराया ही दिया जा रहा है, जिससे बच्चों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है; क्योंकि इन प्रतियोगिताओं के लिए वाद्य यंत्रों का प्रयोग होता है, जिन्हें बार-बार बस बदल कर ले जाना अत्यंत मुश्किल हो जाता है। छात्राओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रधानाचार्या ने छात्राओं के लिए बस सुविधा उपलब्ध करवाई थी, जिसके लिए अधिक खर्च हो गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *