एक अध्यापक के सहारे महाड़ स्कूल, महिलाओं ने विधायक केवल पठानिया को बताई समस्या  

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उठाई  शिक्षक की नियुक्ति की मांग, स्कूल में 31 बच्चे कर रहे हैं पढ़ाई, फरवरी से पद खाली

आवाज़ ए हिमाचल 

ब्यूरो, शाहपुर। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक है। हम अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों की सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। इन्हीं सब कारणों की वजह से शिक्षा हमारे जीवन में इतना महत्व रखती है, लेकिन जिस स्कूल में अध्यापकों की कमी हो वहां के बच्चे अपना भविष्य उज्जवल कैसे कर सकते हैं?

ऐसा ही एक मामला विधानसभा क्षेत्र शाहपुर की ग्राम पंचायत क्यारी के गांव महाड में देखने को मिला है। महाड़ गांव का प्राइमरी स्कूल केबल एक अध्यापक के कंधे पर चल रहा है। शिक्षक की कमी के कारण बच्चे पढ़ाई से वंचित रह रहे हैं। वही ग्रामीण लोगों को भी इस बात का रोष है कि प्रदेश सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने की बात कह रही है, लेकिन यह काम बिना अध्यापक के कैसे संभव हो सकता है। सरकार की इसी उदासीनता के कारण अधिकतर बच्चे प्राइवेट स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं क्योंकि स्कूल में शिक्षक की कमी अभिभावकों को भी खल रही है। इस विषय को लेकर गांव महाड की महिलाएं शुक्रवार को शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया से मिले और उन्होंने शिक्षक के चल रहे खाली पद के बारे में विधायक को अवगत कराया और साथ ही यहां पर तुरंत शिक्षक की नियुक्ति की भी मांग की।

राजकीय प्राथमिक स्कूल महाड़ कमेटी की प्रधान संतोष जरियाल, सदस्य पूजा, रवीना, नवीन कुमारी, विमला देवी, स्वर्णा पटियाल, शिवानी ऊषा जरियाल, मोनिका, निशा, दुर्जला ने विधायक केवल सिंह को बताया कि महाड़ स्कूल में फरवरी महीने से शिक्षक का एक पद खाली चल रहा है। इस समय स्कूल में कुल 30 बच्चे हैं और एक अध्यापक है। एक अध्यापक द्वारा 5 कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाना बहुत ही मुश्किल है। एक अध्यापक के सहारे चल रहे प्राइमरी स्कूल महाड़ के 31 बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसी गांव के मिडल स्कूल में भी अध्यापकों की कमी है। स्कूल में केवल 2 अध्यापक हैं। इसी के साथ उन्होंने गांव में बस सुविधा करवाने की अपील की।
इस पर विधायक केवल सिंह पठानिया ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि जल्द ही स्कूल में अध्यापकों की नियुक्ति करवाई जाएगी। महाड़ गांव की जो भी मुश्किलें हैं उन्हें पहल के आधार पर दूर किया जाएगा।

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