सोमवार से तीन दिन के लिए 1200 गत्ता उद्योग बंद, पंजाब, हरियाणा व हिमाचल के उद्योगपतियों ने लिया संयुक्त फैसला

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आवाज़-ए-हिमाचल 

6 दिसम्बर : तीन राज्यों के गत्ता संचालकों की संयुक्त बैठक में पेपर मिलों की लगातार मनमानी व गत्ते के रेट उद्योगों की ओर से न बढ़ाए जाने पर गत्ता उद्योग बंद करने का फैसला लिया गया है। सोमवार  से तीन दिन तक लगातार उद्योग बंद रहेगें और अगर गत्ते के डिब्बे के रेट उद्योगपतियों ने नहीं बढ़ाए और पेपर मिलों ने अपनी मनमानी पर रोक नहीं लगाई तो यह बंद और आगे तक जा सकता है। पंजाब, हरियाणा व हिमाचल के गत्ता उद्योग के संचालकों की बददी के निकट अमरावती एनकलेब में एक निजी होटल में हुई  एक संयुक्त बैठक में हुई जिसमें पेपर मिलों की मनमानी पर दुखी हो कर गत्ता संचालकों ने अपने 1200 उद्योग बंद करने का फैसला लिया। पिछले चार माह में पेपर मिलों ने अपने पेपर के दाम 40 फीसदी अधिक बढ़ा दिये है ऐसे में गत्ता उद्योगपतियों को अपने कारोबार चलाना एक घाटे का सौदा साबित हो रहा है। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पेपर मिल लगातार अपने दाम बढ़ा रही और उद्योगपति उनके गत्ते के डिब्बे के दाम बढ़ाने को तैयार नहीं है। ऐसे में गत्ता संचालक दोनों के बीच में पिस कर रह गए है।

हिमाचल के अध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने कहा कि पंजाब हरियाणा व हिमाचल में करीब 12 उद्योग है जिसमें पचास हजार के करीब लोगों को रोजी रोटी मिल रही है। एक ओर सरकार कहती है कि चीन के  माल का बहिष्कार किया जाए और दूसरी ओर से चीन के लिए निर्यात खुला रखा है। केंद्र सरकार को चाहिए की जब पेपर की खपत अपने देश में पूरी नहीं हो रही है तो बाहर भेजने की जरूरत क्यों पड़ी है। इस पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। उन्होंने बताया कि संयुक्त बैठक में सोमवार से तीन दिन के तीनों राज्यों में गत्ता उद्योग बंद रहेगे और अगर जरूरत पड़ी तो बंद को आगे बढ़ाया जा सकेगा।  बैठक में सौ से अधिक उद्योगपतियों ने भाग लिया। बद्दी इकाई के प्रधान हेमराज चौधरी व महामंत्री अशोकर राणा ने सभी गत्ता संचालकों से एकजुट होकर अपने गत्ते के डिब्बे के दाम बढ़ाने की बात कही। गत्ता संचालक अशोक राणा ने कहा कि जब तक गत्ता संचालक एकजुट नहीं होंगे तब तक उनका ऐसे ही शोषण होता रहेगा। कालाअंब इकाई के प्रधान अंकुर गोयल ने

कहा कि सभी को एक साथ चलना होगा तभी पेपर मिलों की मनमानी पर रोक लगेगी। हरियाणा राज्य के रजत गुप्ता व पंजाब इकाई के अध्यक्ष आरके गर्ग ने हिमाचल इकाई का पूरा सहयोग देने की बात कही। परवाणू इकाई के उपप्रधान हेमराज ने गत्ता उद्योग से निकलने वाले वेस्ट का भी रेट बढ़ाने का सुझाव रखा। संयुक्त सचिव रमन अग्रवाल ने जब तक स्थाई समाधान नहीं होगा तब तक गत्ता संचालकों के सामने यह समस्याएं आती रहेंगी। उन्होंने जरूरत के हिसाब से कच्चा माल लेने की हिदायत दी। पंजाब राज्य के रोहित नय्यर ने भी तीनों  राज्यों को एकजुट होने की बात कही। पालमपुर से विनय डडवाल ने कहा कि घाटे में उनके उद्योग चल रहे है। इसलिए सभी को एक साथ बंद करने होंगे तभी कुछ बात बनेगी।  वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव गुल्हाटी ने कहा कि अगर सभी गत्ता संचालक बढ़े हुए रेट से अपना माल बेचे और किसी प्रकार के भाई भतिजवाद  के चक्कर में न पड़े तो उन्हें अपने क ारोबार चलाना आसान हो जाएगा। हिमाचल के पूर्व राज्य अध्यक्ष गगन कपूर ने कहा कि पेपर मिलों के साथ बात करनी होगी और जररूरत पडऩे पर उनकी मिलो के आगे घरना देना पड़े तो भी तैयार रहना होगा।

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