हिम-गंगा योजना से सशक्त होगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था: प्रो. चन्द्र कुमार

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गौपालकों और दुग्ध उत्पादन से जुड़े व्यवस्याओं को मिलेगा संबल

आवाज़ ए हिमाचल 
धर्मशाला। प्रदेश में गौपालन और दुग्ध उत्पादन के व्यवयास को बढ़ावा देने और इससे जुड़े लोगों को आर्थित तौर पर सशक्त करने के उद्देश्य से सरकार ने ‘हिम गंगा’ योजना शुरु की है। हिम गंगा के माध्यम से प्रदेश की एक अपनी डेयरी मार्केट विकसित होगी, जिससे यहां पशुपालन व्यवसाय को संबल मिलेगा। शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के धनोटू में पशुपालकों और डेयरी फार्मिंग से जुड़े लोगों के साथ वार्तालाप करते हुए कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने यह बात कही। कृषि मंत्री विधायक शाहपुर केवल सिंह पठानिया के साथ धनोटू में प्रगतिशील गोपालक मिलाप चन्द के डेयरी फार्म पहुंचे।
सुनी पशुपालकों की समस्याएं
कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने धनोटू में पशुपालकों से चर्चा करते हुए, उनको पेश आ रही दिक्कतों को विस्तार से सुना। उन्होंने गौपालकों के कार्य की सराहना करते हुए, समस्याओं के निराकरण के लिए आश्वासन दिया। उन्होंने पशुओं के टीकाकरण और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से निपटने के लिए विभाग को टीकाकरण का शेड्यूल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौपालन और गौसेवा का कार्य बहुत प्रशंसनीय और समाज के लिए हितकारी है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा परिवार गौपालन की ओर बढ़ें और दुग्ध उत्पादन का व्यवसाय लाभकारी बने इसके लिए सरकार पूरी योजना के साथ कार्य कर रही है।
हिम गंगा के लिए 500 करोड़ का प्रावधान
उन्होंने कहा कि पशुपालन व्यवसाय को लाभप्रद बनाने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट में ‘हिम गंगा’ योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य राज्य में दूध आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करना है। उन्होंने कहा कि हिम-गंगा योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ‘हिम-गंगा’ योजना के तहत पशुपालकों को दूध व दूध के उत्पादों का उचित मूल्य वास्तविक लागत के आधार पर प्राप्त होगा और दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन प्रणालियों की गुणवत्ता और दक्षता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
दुग्ध उत्पादकों की बनेंगी सहकारी समितियां
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में डेयरी फार्मिंग का एक सुव्यवस्थित मॉडल विकसित करने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि दूध उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए आवश्यकता के अनुसार दूध उत्पादक सहकारिता समितियां गठित की जाएंगी, जो दूध तथा इससे संबंधित उत्पादों का प्रभावी विपणन सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने कहा कि गांवों में डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आम ग्रामीणों और गौपालकों को इस समिति से जोड़ा जाएगा, जिससे उनके दुग्ध उत्पाद सीधा सरकार खरीदेगी।
250 करोड़ से होगा ढगवार दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का स्तरोन्नयन
प्रो. चन्द्र कुमार ने कहा कि कांगड़ा जिला में ढ़गवार दूध प्रसंस्करण संयंत्र का स्तरोन्नयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार 250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं भी इसका दौरा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि ढगवार स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के स्तरोन्नयन से दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन प्रणाली सुदृढ़ होगी।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर एसडीएम शाहपुर करतार चंद, ब्लॉक अध्यक्ष सुरजीत राणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और बड़ी संख्या में कृषक और गौपालक उपस्थित रहे।

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