हिमाचल में बाढ़ की 66 घटनाओं में 372 लोगों की मौत, 2400 घर ढहे

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भूस्खलन पीड़ित ने कहा- इस बुरे वक्त से गुजरने से बेहतर मौत

आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर भले ही थम गया हो, लेकिन तबाही का दौर और दुश्वारियां थम नहीं रहीं। हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से पीड़ित लोग इस बुरे अनुभव को कभी न भूलने वाला दु:स्वप्न करार दे रहे हैं। भूस्खलन से प्रभावित एक महिला ने कहा, ‘‘इस बुरे वक्त से गुजरने से बेहतर मौत होगी क्योंकि जीवन में उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है।’

बता दें कि इस मानसून सीजन में 24 जून से 25 अगस्त तक 372 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इनमें से 126 की सड़कों हादसों में मौत हो गई। कुल 349 घायल हुए हैं। राज्य में 2400 घर ढह हो गए हैं। 10338 को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसके अतिरिक्त 303 दुकानों व 5133 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। मानसून सीजन के दौरान अब तक 8468.25 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। अब तक राज्य में भूस्खलन की 156 और अचानक बाढ़ की 66 घटनाएं सामने आई हैं।

 6000 घरों के निर्माण की मंज़ूरी

वहीं, केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं युवा व खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से मिले। उन्होंने बाद में कहा कि 2700 किलोमीटर के 254 परियोजनाओं के लिए 2372.59 करोड़ रुपये की मंज़ूरी भी केंद्र द्वारा मिल चुकी है। ठाकुर ने ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री से भेंट के दौरान आज प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावित पात्रों के लिए 6000 घरों के निर्माण की मंज़ूरी दिये जाने के लिए उनका आभार प्रकट किया।

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