सरकार का पैसा भी बच जाएगा और पारदर्शिता भी बनी रहेगी

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आवाज ए हिमाचल 

धर्मशाला। पिछले दिनों हमीरपुर चयन आयोग के भंग होने के बाद रोजगार की राह देख रहे लाखों युवक परेशान हैं। कई महीनों से भर्ती प्रक्रियाएं रुकने से युवाओं में खासा रोष है। इसमें सबसे अधिक निराश बेरोजगार बीएड डिग्री धारक हैं, जो अरसे से बैचवाइज भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। चुनावों से पहले कांग्रेस ने वादा किया था कि पहली ही कैबिनेट में एक लाख बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी जाएगी, लेकिन पिछले पांच महीनों में नई सरकार के कार्यकाल में शायद ही किसी बेरोजगार को नौकरी मिल पाई है।

हाल में सरकार की अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश में शिक्षकों के 20 हजार पद खाली हैं। हालांकि सरकार का तर्क है कि चयन आयोग भंग होने के कारण भर्तियां नहीं हो पा रही हैं। उधर, युवाओं का कहना है कि जब तक कोई नई भर्ती एजेंसी नहीं बन जाती, तब तक सरकार बैजवाइज आधार पर भर्तियां करे। इसके लिए सरकार को चाहिए कि रोजगार कार्यालयों से बेरोजगारों की सूची मंगवाएं और क्लर्क, जेओए, जेबीटी सहित बीएड शिक्षकों की भर्तियां बैचवाइज की जाएं। इससे दो फायदे होंगे। इससे एक तो पंजीकृत बेरोजगारों का सही आंकड़ा सरकार के पास होगा, वहीं दूसरी ओर सरकार पर भी कम आर्थिक बोझ पड़ेगा।

 

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