शिक्षा विभाग ने हिमाचल के 1845 स्कूलों में प्री वोकेशनल शिक्षा शुरू करने के दिए निर्देश

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। राज्य के 1845 स्कूलों में प्री वोकेशनल शिक्षा शुरू करने के निर्देश शिक्षा विभाग ने दिए हैं। इसके तहत विद्याॢथयों को स्थानीय हुनर सिखाया जाएगा। हालांकि विभाग ने पूर्व में भी इस संबंध में निर्देश दिए थे लेकिन स्कूलों में अभी यह योजना शुरू नहीं हो पाई है। इसके लिए स्कूलों को प्रति स्कूल 15000 रुपए की राशि भी दी जा रही है।

इस दौरान विद्यार्थियों को हुनर सिखाने वाले को भी मानदेय दिया जाएगा। इन्हें प्रति लैक्चर लगभग 500 रुपए मिलेगा। गैस्ट फैकेल्टी के तौर पर इनकी सेवाएं ली जाएंगी, ऐसे में चिन्हित स्कूल के छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी प्री वोकेशनल के तहत प्रशिक्षण लेंगे। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को स्थानीय दस्तकार, शिल्पकार, बुनकर व अन्य हुनर सिखाने वालों के पास प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। विद्यार्थियों को 10 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए पहले ही स्कूलों को स्थानीय दस्तकारों, शिल्पकार, बुनकर व बांस की लकड़ी से उत्पाद बनाने वाले व अन्य स्थानीय विधाएं देने वालों की सूची बनाने व इन्हें इम्पैनल करने को कहा गया है ताकि आगे भी यह विद्याॢथयों को ट्रेनिंग दे सके।

विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए उत्पाद की लगेगी प्रदर्शनी

प्रशिक्षण लेने के बाद विद्यार्थी, जो उत्पाद तैयार करेंगे, उनकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जिला स्तर पर यह प्रदर्शनी लगेगी, ताकि विद्यार्थियों का मनोबल बढ़े। स्थानीय मेलों व अन्य समारोह में विद्यार्थी यह प्रदर्शनी लगा सकेंगे। विंटर वैकेशन स्कूलों में होने वाली सर्दियों की छुट्टियों में स्कूल प्रशासन विद्यार्थियों को यह ट्रेनिंग करवा सकते हैं।

नई शिक्षा नीति में किया गया है प्रावधान

नई शिक्षा नीति में भी केंद्र सरकार ने राज्यों को ऐसे निर्देश दिए हैं। इसके तहत विद्यार्थियों को स्थानीय हुनर के साथ-साथ स्थानीय परंपरा, लोक संस्कृति सिखाने को कहा है। सिलैबस में अब इसे शुरू किया जाएगा।

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