रोप-वे से बदलेगी राजधानी की कहानी: सीएम सुक्खू

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आवाज़ ए हिमाचल

शिमला। पहाड़ों की रानी शिमला को यातायात जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रदेश सरकार रोप-वे परियोजना पर कार्य कर रही है। पहाड़ी इलाकों और दूरदराज के क्षेत्रों में एक कुशल परिवहन नेटवर्क विकसित करना एक बड़ी चुनौती है। परिवहन के पारंपरिक साधनों जैसे सडक़, रेल और वायु मार्ग का उपयोग करके ऐसे क्षेत्रों में सुदृढ़ परिवहन नेटवर्क स्थापित करने के लिए कई तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सोच है कि प्रदेश में परिवहन के सुरक्षित, अभिनव और किफायती तरीकों के उपयोग के माध्यम से ऐसे स्थानों को वाहनों की भीड़-भाड़ से मुक्त किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला रोप-वे परियोजना का विस्तार 14.13 किलोमीटर का होगा और यह शहर के विभिन्न स्थानों पर 15 स्टेशनों को आपस में जोड़ेगा।

इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना की कुल परियोजना लागत लगभग 1546.40 करोड़ रुपए है। यह शहरी रोप-वे परियोजना दुनिया में अपनी तरह की दूसरी और भारत में पहली होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धर्मशाला और मनाली शहर में इसी तरह की शहरी रोप-वे परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बना रही है। शिमला शहर के लिए यह परियोजना रोप-वे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन (आरटीडीसी) के माध्यम से संचालित की जाएगी और निगम ने इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की तैयारी प्रगति पर है, जिसके 30 जून तक पूरा होने की उम्मीद है।

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