राजनीतिक विश्लेषण- नादौन विधानसभा क्षेत्र में ओबीसी वर्ग में विशेष पैठ रखते हैं प्रभात चौधरी

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अपनी इस राजनीतिक पैठ का कई बार लोहा मनवा चुके हैं राजनीतिक दलों को

आवाज़ ए हिमाचल 

बबलू गोस्वामी, नादौन। नादौन विधानसभा क्षेत्र एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां हमेशा चुनावों में जातीय समीकरण हावी रहे हैं चाहे वह विधानसभा चुनाव हो या फिर पंचायती चुनाव हो। मात्र लोकसभा चुनाव ही यहां जातीय समीकरणों से अछूता रहता है। इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता सामान्य वर्ग के हैं दूसरे नंबर पर ओबीसी कैडर एवं तीसरे नंबर पर एससी-एसटी वर्ग के मतदाता आते हैं।

नादौन विधानसभा क्षेत्र में ओबीसी वर्ग के मतदाताओं ने हमेशा राजनीतिक समीकरणों में उलट फेर कर हमेशा चोंकाने वाले नतीजे दिए हैं। पर ये कहना भी गलत नहीं होगा कि ओबीसी कैडर से जब भी कोई प्रत्याशी विधानसभा चुनावों में उतरा है तो उसका सीधा फायदा कॉग्रेस प्रत्याशी को हुआ है, जिसके 2003 एवं 2007 के विधानसभा चुनावों के आंकड़े स्प्ष्ट रूप से बयान करते हैं। ये कहना भी गलत नहीं होगा कि प्रभात चौधरी को नादौन विधानसभा क्षेत्र में ओबीसी वर्ग के नेता के रूप में जाना जाता है। इनकी ओबीसी वर्ग में विशेष पैठ होने के कारण चुनावों के दौरान हर किसी की नजर इन पर केंद्रित रहती है। इस बात का एहसास इन्होंने एक बार फिर भाजपा संगठन को पंचायत चुनावों के दौरान करा दिया जब उन्होंने नादौन विधानसभा क्षेत्र की नोहँगी बार्ड की जिला परिषद की सीट जिसमें ओबीसी कैडर के मतदाताओं की संख्या अधिक है भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी प्रचार करते हुए कॉग्रेस से छीन कर भाजपा की झोली में डाल दी थी। ये अलग बात है कि विजय का परचम लहराने वाले नेता इसे अपना वोट बैंक बताकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में वर्तमान समय में कोई परहेज नहीं कर रहे, जबकि ये सर्वविदित है कि इस जिला परिषद सीट पर भाजपा की विजय का सेहरा बांधने का श्रेय प्रभात चौधरी को जाता है यहीं नहीं नादौन विधानसभा क्षेत्र के अन्य जिला परिषद वार्डों में भी प्रभात चौधरी की न केवल अपनी ओबीसी कैडर में अच्छी पैठ है बल्कि अन्य वर्गों के मतदाता भी चुनावों के दौरान उनके संपर्क में रहते हैं, इसलिए नादौन विधानसभा के कुछ वुद्धिजीवी वर्ग प्रभात चौधरी को गेम चेंजर के नाम से भी संबोधित करते हैं। लेकिन वर्तमान समय मे आप नेता शैंकी ठुकराल के चुनावी दंगल में उतरने से राजनीतिक समीकरणो में काफी फेर बदल होने की आशंका है क्योंकि प्रभात चौधरी की तरह आप नेता शैंकी ठुकराल भी ओबीसी वर्ग से संबंधित हैं और पिछले एक साल से नादौन विधानसभा क्षेत्र में पूर्ण रूप से सक्रिय हैं एवं मतदाताओं के घर डोर टू डोर दस्तक देकर आप के पक्ष में मतदान करने का आग्रह है और यहीं नहीं शैंकी ठुकराल को हर वर्ग का समर्थन भी मिल रहा है।

वुद्धिजीवी वर्ग का कहना हैं कि इस बार के विधानसभा चुनावों में नादौन विस् क्षेत्र का चुनाव और भी रोचक होगा क्योंकि इस बार ओबीसी वर्ग से पहली बार दो नेता आमने-सामने होंगे जो एक आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी होंगे और एक भाजपा के प्रत्याशी को सपोर्ट कर रहे होंगे। अब कौन किस पर इस बार के चुनावों में भारी पड़ता है ये तो भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन ओबीसी वर्ग पर प्रभात चौधरी इस बार अपनी कितनी पकड़ रख पाते हैं और इस बार विधानसभा चुनावों में इनकी क्या चुनावी रणनीति होगी इस पर अवश्य सब की नजर होगी।

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