आवाज़ ए हिमाचल
15 अप्रैल।मतदान से पहले डोर-टू-डोर प्रचार के साथ एक उम्मीदवार का चोली-दामन का संबंध रहता है। लेकिन हम कितनी बार किसी एक पार्टी के उम्मीदवार को किसी अन्य पार्टी के चुने हुए नेताओं के घर जाकर उनसे वोट देने का अनुरोध करते हुए देखते हैं। कोलकाता के श्यामपुकुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार संदीपन विश्वास ने वाम नेताओं के घर जाकर उनसे वोट मांगकर यह खुलेआम किया है।
विश्वास जो टीएमसी विधायक और मंत्री डॉ शशि पांजा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। वह वाममोर्चा के पूर्व पार्षद सलिल चटर्जी के पास गए और कोलकाता निगम के वार्ड नं 10 के वाममोर्चा पार्षद करुणा सेनगुप्ता से भी मुलाकात की और वाम नेताओं से वोट मांगे। विश्वास ने कहा, ‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं वामपंथी नेताओं के घर गया क्योंकि मैं राजनीतिक सद्भाव में विश्वास करता हूं। भाजपा का कोई उम्मीदवार अपने विरोधियों के घर क्यों नहीं जा सकता है और लोकतंत्र में वोट मांग सकता है। वे मेरी विधानसभा सीट में पंजीकृत मतदाता हैं और उन्होंने जनता के लिए अपना कर्तव्य निभाया है। इसलिए, मुझे लगता है कि मैं हर किसी से मिल सकता हूं और उनसे मेरा समर्थन करने के लिए कह सकता हूं क्योंकि मैं लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं।’
इस बारे में टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि हमने हमेशा कहा है कि वामपंथ और भाजपा के बीच एक गठबंधन है। 2019 में वाम कार्यकर्ताओं ने हमें हराने के लिए भाजपा को वोट दिया। इससे साफ है कि भाजपा व माकपा में गठबंधन है। विस्वास की अपने राजनीतिक विरोधियों से मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब ममता बनर्जी ने वामपंथी और भाजपा के खिलाफ खुलेआम नारा दिया है और आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए पार्टियां एक दूसरे की मदद कर रही हैं।