भक्ति,ज्ञान, वैराग्य और त्याग का संयोग है भागवत, प्रवचन में बोले आर्चाय पंकज 

Spread the love
आवाज़ ए हिमाचल 
                    जीडी शर्मा ( राजगढ़ )
29 नवंबर। भक्ति, ज्ञान,वैराग्य और त्याग का संयोग ही भागवत है। कलयुग में हर प्राणी के लिए श्रीमद भागवत कथा सर्वश्रेष्ठ है | प्रार्थना ऐसी संस्कृति है जिससे भगवान को प्राप्त किया जा सकता है। प्रार्थना से भगवान् प्रसन्न होते हैं और कष्ट दूर होते हैं| ये विचार राजगढ़ के कडीयुत में चल रही 7 दिवसीय कथा में व्यासपीठ से कथा वाचक आचार्य पंकज महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को सदैव मीठा बोलना चाहिए क्योंकि हर कोइ अच्छी वाणी सुनना चाहता है। व्यक्ति को वाणी का सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भक्ति की तीन धाराएं विश्वास , संबंध और समपर्ण है। इन तीन चीजों का समावेश जरूरी है।

इसी प्रकार जीवन में कष्ट देने वाले तीन शूल काम, क्रोध और मोह से दूर रहना जरूरी है | उन्होंने आगे कहा कि हम जैसे कर्म करते है वैसे ही फल की प्राप्ति होती है । इसलिए मनुष्य को चाहिए की वह शुभ कर्म करके इस मनुष्य देह को सफल व् सार्थक बनाए । कथा के दौरान श्री कृष्ण भगवान के प्राकटय दिवस पर श्रदालुओं द्वारा नाचकर खूब उत्सव मनाया गया और आचार्य पंकज जी महाराज ने मधुर वाणी से सुंदर भजनों द्वारा सभी को भावविभोर किया ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *