आवाज़ ए हिमाचल
कविता शांति गौतम ( बीबीएन )
11 नवम्बर। सूबे के अंतिम सीमांत नगर बद्दी में भी कड़ाके की सर्दी में छठ मैय्या की आस्था भारी पड़ती दिखाई दी, यहाँ 4 दिवसीय छठ महापर्व का समापन हर्षोल्लास के साथ हो गया। छठ पर्व का समापन वीरवार सुबह प्रभात के समय उदयांचल भगवान भाष्कर को आस्था का अर्घ्य देने के बाद किया गया। यहाँ सनसिटी मैदान में हुए मुख्य पूजा समारोह में संध्या के समय छेत्र के पूर्वांचली सुहागंन व्रति महिलाओं ने,
भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाई। छठ पर्व पर सूर्य देव और उनकी बहन छठ मैय्या की उपासना की जाती है। संतान के जीवन में सुख की प्राप्ति और संतान प्राप्ति के लिए छठ का व्रत रखा जाता है। 36 घंटे निर्जला व्रत रखने के बाद उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का समापन किया जाता है। इस अवसर पर सूर्य को अर्घ्य देने के बाद लोगों में प्रसाद का वितरण किया गया।
उसके बाद ही व्रत का पारण किया गया। छठ व्रत और छठ पूजा आदि करने से छठ मैय्या की आशीष मिलती है और निरोगी जीवन की प्राप्ति होती है। पूर्वांचल समिति नेता सत्या पांडेय ने बताया कि इस बार स्टेज नहीं बनाया गया था। चठ पूजा में स्वस्तिक,सूरज, विकास, प्रियांशु,रिंकू, शिवानी,गौरी आदि ने भरपूर सहयोग करवाया।