आवाज़ ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर,परवाणू
02 फरवरी।प्रदेश में नशा मुक्ति केंद्र चलाने के लिए भले ही प्रदेश सरकार ने स्थानीय निकाय की एनओसी जरुरी कर दी है, लेकिन बावजूद इसके औद्योगिक नगरी परवाणू में पंचायत व नगर परिषद की एनओसी के बिना धड़ल्ले से चल नशा मुक्ति केंद्र चल रहे है।
रहे है।यही नहीं जिन नशा मुक्ति केंद्रों के लाइसेंस एक्सपायर हो गए है,वे भी चोरी छिपे अपने सेंटरों में मरीजों को दाखिल करके सभी नियम कायदों का मज़ाक़ बना रहे है।इस पूरे मामले में प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
गौरतलब है की परवाणू व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में कुछ ऐसे भी नशा मुक्ति केंद्र है,जो रिहायशी इलाकों में धड़ल्ले से कार्य कर रहे है,लेकिन उनके पास स्थानीय निकायों की एनओसी नहीं है।बीते दिनों रिहायशी क्षेत्र में खुले नशा मुक्ति केंद्र को लेकर स्थानीय लोगों ने शिकायत भी की थी, जिसके बाद यह मामला बहुत बड़े स्तर पर निकल कर सामने आया था।इस दौरान नशा मुक्ति केंद्रों में नशा परोसना,पेशेंट के साथ मारपीट करना व अवैध तौर पर केंद्रों को चलाना आदि मामले सामने आए थे।एक नशा मुक्ति केंद्र में तो रात के समय वहां उपचाराधीन युवतियां भाग गई थी। हैरानी की बात तो यह है कि यह सभी नशा मुक्ति अधिकतर पंजाब के लोगों द्वारा खोले गए है तथा स्थानीय लोगों के नाम पर चलाएं जा रहे है,हालांकि इनमे से कुछ सरकार द्वारा बंद भी किए जा चुके है,लेकिन अब भी कुछ ऐसे नशा मुक्ति केंद्र हैं जिनका रजिस्ट्रेशन तो ख़त्म हो गया है,परन्तु फिर भी ये नशा मुक्ति केंद्र धड़ल्ले से चल रहे है,जिस पर प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए।इस बारे टकसाल पंचायत के सचिव पवन ठाकुर का कहना है कि पंचायत में चल रहे नशा मुक्ति केंद्रो में से किसी ने भी पंचायत की एनओसी नहीं ली हुई है।
नगर परिषद परवाणू के कार्यकारी अधिकारी अनुभव शर्मा का कहना है कि उनसे अभी तक किसी नशा मुक्ति केंद्र ने एनओसी की डिमांड नहीं की है।वही, मेन्टल हेल्थ डिपार्टमेंट के डीओ अनिल का कहना है की नशा मुक्ति केंद्र के लिए स्थानीय निकायों की एनओसी अब अनिवार्य कर दी गई है। बिना एनओसी के चल रहे नशा मुक्ति केंद्र अवैध है।इसके अलावा नशा मुक्ति केंद्र रिहायशी इलाकों में चल रहे है या नहीं, यह देखना स्थानीय निकायों व पंचायतों का काम है।