‘चाकू लो काटे चले जाओ, मैं होता तो श्रद्धा के 35 नहीं 37 टुकड़े करता’, जानें पूरा मामला 

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आवाज़ ए हिमाचल 

 नई दिल्ली। लोगों का फिल्मों से प्रभावित होकर अपराध करना और बचने की कोशिश करना नयी बात नहीं है और हाल में सामने आईं जुर्म की दो दास्तान फिल्म ‘डेक्स्टर’ और ‘दृश्यम’ से प्रभावित नजर आती हैं। श्रद्धा वालकर (27) हत्याकांड में आरोपी आफताब पूनावाला ने हाल ही में अपने बयान में कबूल किया था कि उसने अमेरिकी टेलीविजन श्रृंखला ‘डेक्स्टर’ देखकर श्रद्धा को जान से मारने और उसके शरीर के टुकड़े करने के बारे में सोचा था। वहीं सोशल मीडिया पर इन दिनों एक नफरत भरा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक शख्स कहता है कि मैं होता तो गुस्से में 35 के बजाए 37 टुकड़े कर देता। हालांकि, इस वीडियो की पुष्टि हम नहीं कर रहे हैं।

 

 वीडियो में दिख रहा आदमी खुद को बुलंदशहर का बता रहा है। वो इन वीडियो से की गई एक बातचीत में खुद का नाम राशिद खान बता रहा है। वह रिपोर्टर से कह रहा है कि, जब आदमी गुस्से में होता है तो 35 क्या 36-37 टुकड़े भी कर देता है। बड़ी दबंगई के साथ वो ये भी कह रहा है कि इसमें (किसी व्यक्ति की हत्या करके टुकड़े करने में) कोई बड़ी बात नहीं, चाकू लो और नूई काटते चले जाओ। यह वीडियो कब और कहां का है इस बारे में अभी तक पता नहीं लगा है। लेकिन यह वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है।

रोहिणी में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में श्रद्धा वालकर की हत्या मामले में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला की पॉलीग्राफी जांच का दूसरा सत्र जारी है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को जांच नहीं हो पायी थी क्योंकि 28 वर्षीय पूनावाला को बुखार तथा जुकाम था। एफएसएल, रोहिणी की निदेशक दीपा वर्मा ने कहा, “जांच जारी है और अगर जरूरत पड़ी तो आरोपी को शुक्रवार को भी बुलाया जा सकता है।”

आंबेडकर अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि पॉलीग्राफी टेस्ट पूरा होने के बाद पूनावाला का मेडिकल परीक्षण किया जाएगा और परिणाम दो दिनों में आने की उम्मीद है। आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही उसका नार्को टेस्ट कराया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि पूनावाला का नार्को टेस्ट सोमवार को किए जाने की संभावना है। पॉलीग्राफी जांच में रक्तचाप, नब्ज और सांस की दर जैसी शारीरिक गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है और इन आंकड़ों का इस्तेमाल यह पता लगाने में किया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं।

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