कोविड में भारत ने खुद को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को बचाया: प्रो. बंसल

Spread the love

केंद्रीय विश्वविद्यालय शाहपुर परिसर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ

आवाज़ ए हिमाचल

कोहली, शाहपुर। हिमालयी क्षेत्रों में टिकाऊ आजीविका सम्बन्धी विषयों पर केंद्रीय विश्वविद्यालय शाहपुर परिसर में राजकीय महाविद्यालय शाहपुर द्वारा अन्तराष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान (ICSSR) एवं राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड आयुष मंत्रालय के उत्तर भारत के क्षेत्रीय सुगमता केंद्र जोगेंद्रनगर के संयुक्त तत्वाधान मे तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ किया गया।

उद्घाटन सत्र में प्रो. एसपी बंसल मुख्यतिथि के रूप में व प्रख्यात पर्यावरणविद कुलभूषण हिमालीय क्षेत्रों में आजीविका सृजन की किसी चुनौतियों के विषय पर बीज वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। क्षेत्रीय सुगमता केंद्र जोगेंद्रनगर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अरुण चंदन ने प्रदेश की जलवायु परिस्थितियों के अनुसार जड़ी-बूटीयों की खेती से आजीविका सृजन और राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड की उत्तरी भारत के राज्यों में गतिविधियों और जड़ी बूटियों की मूल्यश्रृंखला में आने वाली कठिनाइयों और उनके समाधानों एवं मंथन की आवश्यकताओं पर बल दिया।

प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के चलते हिमालयी क्षेत्रों में आजीविका सृजन पर मंथन होना चाहिए। बंसल ने कहा कि भारत विश्वगुरु बन चुका है और इम्यूनिटी, वैक्सीन और आयुष काढ़े, काटे ने न कोविड महामारी के दौरान न केवल भारत को बचाया बल्कि पूरे विश्व को भी सुरक्षित किया और अपनी संस्कृति के अभिन्न अंग आयुर्वेद षि के माध्यम से विश्व में संदेश दिया। बंसल ने कहा कि आज सुरक्षित आहार एक चुनौती है और महिलाओं का सशक्तिकरण टिकाऊ आजीविका के लिए आवश्यक है।

प्रख्यात पर्यावरण विद कुलभूषण उपमन्यु ने भी संतोष व्यक्त किया कि ऐसी राष्ट्रीय सेमिनार में सभी मुद्दों का मंथन होना आवश्यक है। उन्होंने पिछले 50 वर्षों में पर्यावरण संरक्षण सम्बंधी आई चुनौतियों का जिक्र किया और सबसे आग्रह किया कि वे सब आजीविका के मुद्दों पर आगे आएं। सम्मेलन के प्रथम दिवस में 226 प्रतिभागी शामिल रहे। इस सम्मेलन को 12 सत्र में विभाजित किया गया, जिसमें विभिन्न कार्यशाला एवं संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र में डॉ. मनोज कुमार तियोतिया केंद्रीय अनुसन्धान ग्रामीण और औद्योगिक विकास चंडीगढ़ ने शहरी आजीविका विकास, चिन्मय ग्रामीण विकास संगठन के डॉ. नरेंद्र पाल, चम्बा से डॉ. रियाज मोहम्मद ने महिला एवं किसान से उत्पादक सम्बन्धी समस्याओं, डॉ. सुनील कुमार नॉडल अधिकारी कांगड़ा, डॉ. डीआर नाग, डॉ. प्रीत अमोल सिंह चंडीगढ़ विश्विद्यालय, अनूप वशिष्ठ ए के एस किसान उत्पादन कंपनी, प्रो. शैलेन्द्र सिंह विष्ट आईबीएस हैदराबाद, अमित कुमार मेहता प्रोग्राम डायरेक्ट
कुनाल सिंह, अनुराधा वशिष्ठ, डॉ. सौरभ शर्मा, डॉ. सुब नमन, रवि कुमार निगम, साहिल फतेह सिंह संधू, डॉ. अमित शोषता, अमित कटोच, पूजा राजपूत, डॉ. आरती चन्देल, सिद्धार्थ वर्मा, डॉ. विनोद कुमार डॉ. संजय पठानिया ने विभिन्न विषयों पर बीज वक्ता के रूप में अपने व्यख्यान प्रस्तुत किए।

राष्ट्रीय सेमिनार के संयोजक डॉ. सचिन कुमार ने कहा कि हालांकि बहुत से लोगों के मन में बहुत शंकाएं होती है कि ऐसे सेमिनारों/सम्मेलनों से सच में कोई लाभ होता भी है या नहीं ? सचिन ने कहा कि हमें तो यह खुशफहमी’ है कि चर्चाओं और वाद विवाद से ही तत्वबोध होता है। उन्होनें राजकीय महाविद्यालय शाहपुर के प्राचार्य राकेश पठानियां का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया कि उन के नेतृत्व में महाविद्यालय की टीम ने आयोजन को सफल बनाने में अद्‌भुत योगदान दिया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *