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कांगड़ा, 4 मई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा बाईपास के समीप 5 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले भगवान परशुराम संस्कृति भवन का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने भगवान परशुराम जयंती पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि भगवान परशुराम ने हमेशा ही कमजोर वर्ग के उत्पीड़न और उनके साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।
उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम ने कभी अन्याय सहन नहीं किया। उन्हें न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। भगवान शिव की उपासना करने के बाद वरदान के रूप में उन्हें फरसा मिला था। प्रदेश में माता रेणुकाजी का भी मेला होता है। उस मेले को मां और बेटे के मिलन के रूप में मनाया जाता है। इसे अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिया गया है।
जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को अक्षय तृतीया की भी बधाई देते हुए कहा कि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगा नदी स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थी और महाभारत का युद्ध संपन्न हुआ था।
मुख्यमंत्री ने इस भवन निर्माण के लिए 21 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस भवन निर्माण के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने लोगों से इस भवन निर्माण के लिए उदारता से योगदान करने का भी आग्रह किया।
ब्राह्मण कल्याण परिषद के अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि भगवान परशुराम का भवन देश व प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परंपरा के संरक्षण में सहायक सिद्ध होगा।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी, धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया, देहरा के विधायक होशियार सिंह, वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर, ओबीसी निगम के उपाध्यक्ष ओपी चौधरी, पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू, प्रवीन शर्मा, संजय चौधरी, मनोहर धीमान, जिला भाजपा अध्यक्ष चंद्र भूषण नाग, राज्य बास्केटबाल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुनीष शर्मा और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा में जल्द ही राजनीतिक दौरे शुरू करने का एलान किया। मंगलवार को मीडिया से बातचीत में जयराम ने कहा कि कांगड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। राजनीतिक लिहाज से इसका योगदान अहम है। आने वाले समय में वह फिर से इस जिले का दौरा करेंगे।