एनएच-5 से परवाणू लिंक रोड का काम अधर में, एक वर्ष में लिंक न हुआ तो दोबारा लेनी पड़ेगी मंजूरी

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एनएच-5 से परवाणू को लिंक दिए जाने का मामला फंसा,  2.75 करोड़ का है एस्टीमेट खर्च

आवाज़ ए हिमाचल 

यशपाल ठाकुर, परवाणू। जीरकपुर-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर पिंजौर-परवाणू बाईपास से परवाणू को दिए जाने वाला लिंक रोड़ का कार्य अधर में लटक गया है। परवाणू उद्योग संघ (पीआईए) की मेहनत तथा पिछली भाजपा सरकार में मंत्री रहे डा राजीव सहजल के प्रयासों से परवाणू को राष्ट्रीय उच्च मार्ग पाँच से लिंक देने की मांग को केंद्र सरकार व राष्ट्रीय उच्च मार्ग से स्वीकृति मिल गई थी। इसके बावजूद अभी तक लिंक का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। पीडबल्यूडी इस लिंक रोड का सर्वे करके 2.75 करोड़ का एस्टीमेट भी उच्च अधिकारियो को भेज चूका है, जिसे अभी तक मंजूरी नहीं मिल पाई है। परवाणू को लिंक ना दिए जाने के कारण यहाँ की जनता व उद्योग प्रबंधन के अंदर कई वर्षों से काफी रोष देखने को मिल रहा है परन्तु अभी तक ग्राउंड ज़ीरो पर कुछ भी नहीं हो पाया है। यह लिंक रोड यदि एक वर्ष के अंदर नहीं बनाया गया तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी से इस बारे नये सिरे से एनओसी लेनी पड़ेगी, जोकि बेहद पेचीदा कार्य है।
बता दे की विधानसभा चुनावों से पूर्व आचार सहिंता लगने से ठीक पहले केंद्रीय परिवहन मंत्रालय व एनएच विभाग से इस बारे स्वीकृति मिल गई थी। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व कसौली क्षेत्र से पूर्व विधायक डा राजीव सहजल ने भूमि पूजन कर उक्त स्थान पर जेसीबी भी चलवा दी थी। कांग्रेस ने इस दौरान इसे महज राजनैतिक स्टंट करार दिया था, परन्तु कॉंग्रेस सरकार के बनने के बाद भी यह कार्य शुरू नहीं हुआ है।

गौरतलब है की कालका शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग पाँच पर परवाणू-पिंजौर बाईपास बनने से लेकर आज तक परवाणू को लिंक ना दिए जाने का मुद्दा सुर्ख़ियों में रहा है। लोगों में रोष इसलिए भी है की साथ लगते कालका व पिंजौर को तो एनएच पाँच से लिंक दिया गया है परन्तु परवाणू, जोकि हिमाचल का एक बहुत ही पुराना औद्योगिक कस्बा है, उसे लिंक नहीं दिया गया है, जबकि परवाणू में उद्योग होने की वजह से परवाणू के लोगो को लिंक की सबसे ज़्यादा आवश्यकता है। मौजूदा सरकार के गठन के बाद इस विषय पर अभी तक कोई हलचल नहीं हो पाई है। परवाणू औद्योगिक संघ ने भी इस बारे सरकार को पत्र भेजा है।

क्या कहना है लोनिवि के एसडीओ का:- लोक निर्माण विभाग के एसडीओ शिव कुमार से इस बारे पूछा गया तो उन्होंने बताया की एनएच विभाग व केंद्रीय परिवहन मंत्रालय से एक तरफ़ा लिंक बनाये जाने की मजूरी मिल चुकी है। लोनिवि द्वारा इस लिंक को बनाये जाने मे जो लगभग 2.75 करोड़ का खर्च आएगा उसका भी एस्टीमेट उच्चाधिकारियों को भेजा जा चुका है। जैसे ही फंड की व्यवस्था होती है तो टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से काम आबंटित कर कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।

क्या कहना है पीआईए महासचिव का -: परवाणू उद्योग संघ के महासचिव सार्थक तनेजा का कहना है की परवाणू को जितना जल्द हो सके एनएच से लिंक दिया जाना चाहिए। एनएच विभाग से सिंगल साइड वन वे बनाये जाने की जो स्वीकृति मिली है उसकी समय सीमा एक वर्ष है। यह समय सीमा समाप्त हो जाती है तो फ़िर से एनएच से स्वीकृति लेने की मेहनत करनी पड़ेगी जिसकी एक लम्बी प्रक्रिया है। सार्थक तनेजा ने कहा की पीआईए द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर निवेदन किया है की पीडब्लयूडी विभाग द्वारा जो एस्टीमेट दिया गया है उस फंड को जल्द से जल्द स्वीकृत करें, जिससे की एनएच-5 से परवाणू लिंक रोड़ का कार्य शीघ्र पूरा किया जा सके।

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