अडानी को एक और झटका, 35 हजार करोड़ का नुकसान

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आवाज़ ए हिमाचल

नई दिल्ली। गौतम अडानी का अगवाई वाले अडानी ग्रुप की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। हिंडनबर्ग के बाद अब एक और रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप में निवेश के तरीके पर सवाल उठाए हैं। दुनिया के दिग्गज निवेशक जॉर्ज सोरोस की ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट यानी ओसीसीआरपी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप ने खुद गुपचुप तरीके से अपने पार्टनर्स से जुड़ी विदेशी यूनिट्स के जरिए अडानी ग्रुप के शेयरों में करोड़ों डालर का इंवेस्टमेंट किया है। कई टैक्स हेवन की फाइलों और अडानी ग्रुप के कई इंटरनल ईमेल की समीक्षा का हवाला देते हुए ओसीसीआरपी ने कहा कि उसकी जांच में कम से कम दो मामले पाए गए, जहां अज्ञात निवेशकों ने ऐसी विदेशी यूनिट्स के माध्यम से अडानी ग्रुप के शेयर खरीदे और बेचे हैं। ‘टैक्स हेवन’ में उन देशों को रखा जाता है, जहां पर दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम टैक्स लिया जाता है। ओसीसीआरपी ने दावा किया कि नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग नाम के दो लोगों के अडानी परिवार के साथ लंबे समय से कारोबारी रिश्ते हैं। उन्होंने गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी से जुड़ी ग्रुप कंपनियों में डायरेक्ट और शेयर होल्डर के रूप में काम भी किया है। ओसीसीआरपी का आरोप है कि इन लोगों ने विदेशी यूनिट्स के जरिए कई वर्षों तक अडानी के शेयर खरीदे व बेचे और इससे काफी मुनाफा कमाया है।

रिपोर्ट आने के बाद इसके बाद गुरुवार सुबह अडानी समूह की सभी दस लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को मात्र तीन घंटें में अडानी ग्रुप को करीब 35,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बुधवार के कारोबार खत्म होने तक ग्रुप का मार्केट कैप 10,84,668.73 करोड़ था, जो अब घटकर 10,49,044.72 करोड़ पर आ गया है। हालांकि, अडानी ग्रुप ने ओसीसीआरपीएक की इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। कंपनी ने इस रिपोर्ट को बकवास बताया है।

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