भारत बंद के दौरान शिमला,ठियोग, आनी, अर्की, नालागढ़ और घुमारवीं में चक्काजाम:राजेश धर्माणी समेत 45 लोगों पर FIR

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आवाज़ ए हिमाचल

ब्यूरो,शिमला

08 दिसंबर।नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को भारत बंद का हिमाचल में मिलाजुला असर रहा। जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रही और जनजीवन आम दिनों की तरह दिखा। प्रदेशभर में शहरों से लेकर ग्रामीण कस्बों तक अधिकांश बाजार खुले रहे। एक-दो जिलों को छोड़कर अधिकांश में निजी व सरकारी बसें भी लोकल रूटों पर दौड़ती दिखीं। हालांकि, बाजारों में लोगों की आवाजाही और बसों में सवारियां बेहद कम रहीं। बाहरी राज्यों के लिए बस सेवा ठप रही।

धर्मशाला, कांगड़ा, ऊना से चंडीगढ़ के लिए बसें नहीं चलीं। शिमला से सुबह 7 बजे चंडीगढ़ भेजीं दो बसों में एक भी यात्री नहीं चढ़ा। भारत बंद के समर्थन में कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों समेत मजदूर-किसान व अन्य संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर जरूर उतरे। प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन हुए। राजधानी शिमला समेत ठियोग, आनी, अर्की, नालागढ़ और घुमारवीं में प्रदर्शनकारियों ने चक्काजाम भी किया।

भारत बंद को लेकर शासन-प्रशासन और पुलिस की व्यवस्था चाक चौबंद रही। राजधानी शिमला में मुख्य शहर और उपनगरों के बाजार पूरी तरह से खुले रहे। बंद समर्थकों ने प्रदर्शन कर कृषि कानूनों पर कड़ा विरोध जताया। ठियोग में विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ और प्रदर्शनकारियों ने एनएच पर ढाई घंटे तक जाम लगाया। आनी में कांग्रेस और किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने एक घंटे तक जाम लगाया।
कांगड़ा जिले में भारत बंद बेअसर रहा। बाजार खुले रहे। बसें और टैक्सियां भी सड़कों पर दौड़ती रहीं। जिले में कुछ स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ही प्रदर्शन किया। पालमपुर में सीटू और किसान सभा के बैनर तले प्रदर्शन हुआ। सिरमौर में कांग्रेस के अलावा वामपंथी अन्य कई संगठन ने प्रदर्शन किया। पांवटा में एक बजे तक बाजार बंद रहा। कालाअंब और पांवटा साहिब में उद्योगों का माल लेकर जाने वाले ट्रक शाम तक जा नहीं पाए।

ऊना में आंशिक असर देखने को मिला है। निजी बसें और टैक्सियां नहीं चलीं। जिला मुख्यालय में कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया। सीटू, किसान सभा ने ऊना, टाहलीवाल और बंगाणा में प्रदर्शन किया। चंबा में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में रैली निकाल धरना दिया। चंबा समेत डलहौजी, बनीखेत, खज्जियार, भरमौर, साहो, सलूणी, किहार में दुकानें खुली रहीं। हमीरपुर में भी कांग्रेसजनों और अन्य संगठनों ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया।
कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों में भी बाजार खुले रहे। हालांकि, कुल्लू-मनाली में टैक्सियां नहीं चलीं। कांग्रेस, सीटू और किसान सभा ने प्रदर्शन किए। मंडी में बंद बेअसर रहा। अधिकांश बाजार खुले रहे और बस, ऑटो, टैक्सी और ट्रक भी चले। किसानों के समर्थन में विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किए। सुकेत व्यापार मंडल ने काली पट्टियों से विरोध जताया। बिलासपुर जिले  में भी भारत बंद का बड़ा असर देखने को नहीं मिला। घुमारवीं में ब्लॉक कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया और एनएच चक्का जाम किया।

 

सोलन जिले भारत बंद बेअसर रहा। हालांकि, जिलेभर में प्रदर्शन जरूर हुए। नालागढ़ में किसान सभा और एसएफआई ने रैली निकाली। अर्की के बातलघाटी चौक पर बंद समर्थकों ने एक घंटे चक्का जाम किया। नालागढ़ में किसान मजदूर संघर्ष समिति ने चौकीवाला में चक्का जाम किया। सोलन में भारत बंद के समर्थन में कांग्रेस ने और बद्दी में युकां ने प्रदर्शन किया।भारत बंद में प्रदर्शन के दौर चक्काजाम लगाकर यातायात बाधित करने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर केस भी दर्ज किए। घुमारवीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक राजेश धर्माणी की अगुवाई में एनएच 103 पर करीब डेढ घंटे तक चक्का जाम किया। घुमारवीं से निहारी करीब 7 किलोमीटर तक लोग जाम में फंसे रहे। प्रदर्शनकारियों ने कोविड सैंपल लेने जा रहे वाहन को भी जाने नहीं दिया। घुमारवीं पुलिस ने चक्का जाम करने पर राजेश धर्माणी समेत करीब 45 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

 

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