बैक डोर से बढ़ गया ट्रेनों का किराया

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आवाज़ ए हिमाचल

                        5 जनवरी। कोरोना काल में रेल यात्रा महंगी हो गई है। जनरल बोगियों में चलने वाले आम यात्रियों को भी स्पेशल के नाम जेब ढीली करनी पड़ रही है। सोमवार से शुरू हुई गोरखपुर से लखनऊ, मंडुआडीह और छपरा इंटरसिटी में भी किराया बढ़ गया है। गोरखपुर से लखनऊ तक की यात्रा में जनरल टिकट पर भी 30 रुपये अधिक लग रहा है। वाराणसी की यात्रा में भी 15 रुपये अधिक देने पड़ रहे हैं।

105 की जगह 135 रुपये लग रहा जनरल का किराया

दरअसल, ट्रेनें स्पेशल के नाम पर ही चल रही हैं। सभी स्पेशल ट्रेनों में सिर्फ आरक्षित कोच ही लग रहे हैं। जिसमें कंफर्म टिकट पर ही यात्रा की अनुमति है। ऐसे में इंटरसिटी ट्रेनों में भी लगने वाले जनरल बोगियों के टिकट भी आरक्षित बुक हो रहे हैं। रेलवे के काउंटरों पर आरक्षण के नाम पर सामान्य से 15 से 30 रुपये अधिक किराया देना पड़ रहा है। एजेंटों के यहां इंटरनेट से टिकट बुक कराने पर निर्धारित किराया से 40 से 50 रुपये अधिक लग जा रहे हैं। जानकारों के अनुसार रेलवे बोर्ड ने इंटरसिटी चलाकर स्थानीय लोगों की राह तो आसान बना दी है, लेकिन किराया से कोई समझौता नहीं किया है। जिसका असर आरक्षित टिकटों की बिक्री पर भी पड़ा है। पहले दिन चलीं इंटरसिटी की 30 से 40 फीसद सीटें खाली ही गईं। मंगलवार को चलने वाली गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी के एसी चेयरकार में 148 तथा टूएस (जनरल) में 1034 सीटें खाली थीं। गोरखपुर-मंडुआडीह इंटरसिटी में भी एसी चेयरकार में 164 और टूएस में 1136 सीट खाली थीं। एक तो जानकारी का अभाव और ऊपर से बढ़ा हुआ किराया कोढ़ में खाज का काम कर रहा है।

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