आवाज़ ए हिमाचल
विक्रम सिंह, धर्मशाला। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थियों के ई-केवाईसी, भूमि संबंधी जानकारी (लैंड सीडिंग) और बैंक अकाउंट को आधार के साथ लिंक करने की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए जिला प्रशासन 3 व 4 अप्रैल को सभी तहसीलों व उप तहसीलों में विशेष कैंप लगाने जा रहा है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में आधार बेस्ड भुगतान प्रणाली अपनाई गई है। इसके लिए लाभार्थी का ई-केवाईसी और बैंक अकाउंट का आधार के साथ लिंक होना अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि 3 व 4 अप्रैल को जिले में हर तहसील और उप तहसील में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थियों के ई-केवाईसी, लैंड सीडिंग और बैंक अकाउंट को आधार के साथ लिंक करने की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए विशेष रूप से हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे।
रोहित राठौर ने बताया कि जिले में बहुत से पात्र किसान ऐसे हैं जिन्होंने पंजीकरण में जमीन संबंधी जानकारी (लैंड सीडिंग) नहीं दी है। उन्होंने बताया कि लैंड सीडिंग नहीं कराने की वजह से किसान पोर्टल पर स्वयं पंजीकरण करने वाले किसानों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किश्त नहीं मिल पा रही है। उन्होंने बताया कि बहुत से किसान ऐसे हैं जिनको पहले की किश्तें प्राप्त हुई और बाद में रुक गई। उन्होंने बताया कि ऐसी दिक्कत प्रमाण पत्रों के गलत अपलोड होने या गलत दस्तावेजों को दर्ज करवाने से आ रही है।
एडीएम ने बताया कि जिले में लगभग 36 हजार किसान ऐसे हैं जो इन समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन इन सभी दिक्कतों को ठीक कर पंजीकरण प्रक्रिया को दुरुस्त करने के लिए यह विशेष कैंप लगाने जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ई-केवाईसी और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत आने वाली अन्य समस्याओं के निवारण के लिए कैंप लगाने जा रहा है। उन्होंने पात्र लाभार्थियों से अपील की है कि इन विशेष कैंप में अपने जमीन और अन्य संबंधित दस्तावेजों को साथ लेकर आएं।
उन्होंने लाभार्थियों से आग्रह किया कि जिन्होंने अभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में ई-केवाईसी, लैंड सीडिंग और बैंक अकाउंट को आधार के साथ लिंक कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं की है वे विशेष कैंप में आकर सुविधा का लाभ लें।