बोले- हिमाचल सरकार की एक मंत्री पर अवैध तरीके से सैंकड़ों कनाल भूमि खरीदने के आरोप लगे परन्तु सीएम ने जांच तक करवाने की नहीं दिखाई हिम्मत
आवाज ए हिमाचल
शाहपुर, 25 मई। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर किस तरह कार्यवाही की जाती है, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को यह बात पंजाब के सीएम भगवंत मान से सीखनी चाहिए। मान ने एक शिकायत मिलते ही अपने कैबिनेट के एक सदस्य को न केवल मंत्रिपद से ही बर्खास्त किया अपितु उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा कर उसे पुलिस के हवाले भी कर दिया।
यह शब्द जिला कांगड़ा कांग्रेस ओबीसी सैल के उपाध्यक्ष बलवीर चौधरी ने कहे। उन्होंने कहा कि एक तरफ पंजाब में एक मंत्री के खिलाफ शिकायत मिलते ही सीएम ने एतिहासिक फैसला ले लिया और दूसरी तरफ हिमाचल सरकार की एक मंत्री पर अवैध तरीके से सैंकड़ों कनाल भूमि खरीदने के आरोप लगे परन्तु सीएम ने उन्हें हटाना तो दूर मंत्री की जांच तक करवाने की हिम्मत नहीं दिखाई।
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बलवीर चौधरी ने कहा कि उक्त मंत्री पर पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मानकोटिया ने जमीन खरीद मामले पर अनेक आरोप लगाते हुए जांच की मांग उठाई थी तो वहीं कभी मंत्री के नजदीकी रहे एक भाजपा नेता ने भी मंत्री की शिकायत विजिलेंस से की थी। उन्होंने कहा कि सीएम के शाहपुर प्रवास के दौरान उन्होंने स्वयं भी इस मामले को उनके समक्ष उठाया था परन्तु सीएम इस मामले में आज तक खामोशी धारण किए हुए हैं।
चौधरी ने कहा कि सीएम की यह खामोशी जहां कई प्रश्न खड़े करती है वहीं इससे भ्रष्टाचारियों को भी पनाह मिल रही है। बलवीर ने मांग उठाई है कि जमीन खरीद मामले के आरोपों से घिरी मंत्री को तुरन्त प्रभाव से मंत्रिपद से बर्खास्त किया जाए तथा मामले की विजिलेंस से जांच करवाई जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में रिपीट होने के सपने देख रही भाजपा संगठन व भाजपा सरकार भ्रष्टाचार को दूर करने के बजाय इनको संरक्षण दे रही है।
बलबीर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से कहा है कि यदि वह सचमुच हिमाचल को विकसित और समृद्ध देखना चाहते हैं तो आरोपों से घिरे भाजपाइयों की जांच करवाने की इच्छाशक्ति और हिम्मत दिखाएं अन्यथा प्रदेश के साथ झूठी हमदर्दी दिखाना बन्द करें।