कांग्रेस द्वारा प्रायोजित भारत बंद को प्रदेश में न तो किसानों ने स्वीकार किया और न ही जनता ने:वन मंत्री

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल

ब्यूरो,शिमला

08 दिसंबर।वन, युवा सेवाएं और खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रायोजित आज के भारत बंद को प्रदेश में न तो किसानों ने स्वीकार किया और न ही प्रदेश की जनता ने।कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में है यह प्रदेश का प्रगतिशील बागवान भली भांति जानता है।यह किसान आंदोलन नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार की छवि को धूमिल करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ विपक्षी दलों का राजनीतिक आंदोलन है। जिसे असफल कर जनता ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि प्रदेश के किसान का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा में पूरा विश्वास है।
भारत बंद के प्रदेश में असफल होने से यह सिद्ध हो गया कि आज इन पार्टियों के नेता जनता में अपना विश्वास खो चुके हैं।ये निर्दोष किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। किसानों के हितों की बलि चढ़ा रहे हैं। पठानिया ने कहा कि पिछले कई सालों से हम सभी ने देखा है कि देश में कहीं पर भी कोई भी आंदोलन हो , अपना अस्तित्व बचाने के लिए ये लोग उसमें कूद पड़ते हैं और अराजकता फैलाने का प्रयास करते हैं । अपना वजूद बचाने के लिए अपनी विचारधारा और अपने सिद्धांतों को छोड़कर तात्कालिक राजनीतिक लाभ के लिए मैदान में उतर आते हैं ।
कांग्रेस ने हर वर्ग को अपना वोट बैंक समझा पर भाजपा ने हर वर्ग के कल्याण का काम किया। देश में अपना अस्तित्व खो रही कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसानों में भ्रम पैदा कर रही हैं। कृषि सुधार कानून पूरी तरह से किसान हितैषी और उनको खुशहाली के मार्ग पर ले जाने वाले हैं।उन्होंने कहा कि नए कृषि सुधार कानूनों से किसानों के जीवन में समृद्धि आएगी। किसी भी विवाद की स्थिति में उसका निपटारा 30 दिवस में स्थानीय स्तर पर करने की व्यवस्था है कृषि करार के माध्यम से बुवाई से पूर्व ही किसान को उसकी उपज के दाम निर्धारित करना। बिजाई से पूर्व किसान को मूल्य का आश्वासना , दाम बढ़ने पर न्यूनतम मूल्य के साथ अतिरिक्त लाभ ,पूर्व में ही मूल्य तय हो जाने से बाजार में कीमतों में आने वाले उतार – चढ़ाव का किसान पर नहीं पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *