आवाज़ ए हिमाचल
31 मार्च। कालका के पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी की सजा पर रोक लगाने वाली याचिका पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने निचली अदालत का रिकॉर्ड तलब किया है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने मामले पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया। अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी। उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया है। सोलन जिला के तहत नालागढ़ के न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने साल 2011 के मामले में प्रदीप चौधरी को दोषी करार दिया था। मामला एक युवक की मौत के बाद बद्दी चौक पर जाम लगाने और सरकारी काम में बाधा डालने से जुड़ा है। न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने दोषियों को तीन-तीन साल की सजा और 85-85 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। इसय आदेश पर रोक के लिए पूर्व विधायक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
31 मई, 2011 को थाना बरोटीवाला में यातायात निरीक्षण के दौरान सुच्चा सिंह निवासी पप्सोहा पुलिस को देखकर बचने के प्रयास में बिजली की तारों की चपेट में आ गया था। उसकी इलाज के दौरान पीजीआइ चंडीगढ़ में मौत हो गई थी। मौत के बाद स्वजनों सहित लोगों ने बद्दी रेड लाइट चौक पर शव रखकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस पर हमला भी किया गया था। कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। बद्दी पुलिस थाना की गाड़ी भी फूंक दी थी। 13 जून, 2011 को बद्दी थाना में मामला दर्ज हुआ था। इसी मामले में प्रदीप चौधरी के अलावा पंचकूला जिले के 14 लोगों को सजा सुनाई गई है। इसी सजा के आधार पर कालका के विधायक की सदस्यता रद की गई थी।